
जैन भवन स्थित नमिनाथ जिनालय में वैशाख सुदी एकादशी के अवसर पर जिनशासन स्थापना दिवस उल्लासपूर्वक मनाया गया। सकल जैन संघ के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला में जिन कुशल मनोज्ञ महिला मंडल की सक्रिय सहभागिता रही। प्रातः शुभ मुहूर्त में स्नात्र पूजा के साथ कार्यक्रमों की शुरुआत हुई। पूजा में महिला मंडल सहित बड़ी संख्या में समाजजन उपस्थित रहे। पूजा उपरांत जिनालय प्रांगण में पंचरंगी जैन ध्वज फहराया गया और मंगल गीतों की स्वर लहरियों से वातावरण धर्ममय हो गया।प्रवक्ता पवन कोठारी ने जानकारी दी कि जिनागमों के अनुसार वैशाख सुदी दशमी की संध्या को ऋजुबालिका नदी के तट पर भगवान महावीर को गौदुहनी मुद्रा में कैवल्य ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। सर्वज्ञता प्राप्त होने के बाद देवों ने समवशरण की रचना की, लेकिन प्रथम देशना में कोई मानव उपस्थित नहीं होने से वह निष्फल रही। इसके अगले दिन, वैशाख सुदी एकादशी को इंद्रभूति गौतम सहित 11 गणधर, 4400 श्रमण, चंदनबाला जैसी साध्वियाँ, श्रेणिक जैसे श्रावक और रेवती-सुलसा जैसी श्राविकाओं की उपस्थिति में चतुर्विध संघ की स्थापना हुई। इसी दिन गणधरों ने द्वादशांगी की रचना भी की थी, जो जैन धर्म में मूल ग्रंथों का आधार मानी जाती है। यही कारण है कि यह दिन संपूर्ण जैन समाज के लिए विशेष महत्व रखता है और इसे 'जिनशासन स्थापना दिवस' के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर लक्ष्मी राखेचा, कंचन डूंगरवाल, मंजू बागचार, हर्षा डूंगरवाल, पुष्पा संखलेचा, मीना गोठी, गुंजन बागचार, पुष्पा बरडिया, गुड्डी संखलेचा, रोशनी बरडिया सहित समाजजन मौजूद रहे।
Published on:
08 May 2025 08:48 pm
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