भारत-पाक सीमा से सटे सरहदी जिले की परमाणु नगरी पोकरण के वाशिंदों की पेयजल व्यवस्था आज भी करीब चार दशक पुरानी पाइपलाइनों पर निर्भर है।
भारत-पाक सीमा से सटे सरहदी जिले की परमाणु नगरी पोकरण के वाशिंदों की पेयजल व्यवस्था आज भी करीब चार दशक पुरानी पाइपलाइनों पर निर्भर है। ऐसे में आए दिन पाइपलाइनों के लीकेज होने, फूट जाने जैसी समस्याओं के कारण पेयजल संकट के हालात उत्पन्न हो जाते है। गौरतलब है कि पोकरण कस्बे की आबादी 30 हजार से अधिक है। कस्बे के वाशिंदों के लिए पेयजल व्यवस्था के लिए वर्षों पूर्व पाइपलाइनें लगाई गई थी। कस्बे के पुराने गली मोहल्लों में करीब 30 से 40 साल पुरानी पाइपलाइनें लगी हुई है। आबादी के बढऩे के साथ पाइपलाइनों में कनेक्शन होते गए, लेकिन पाइपलाइनों को बदलने को लेकर कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिसके कारण आए दिन पेयजल समस्या के हालात उत्पन्न हो जाते है।
कस्बे में करीब 30-40 वर्ष पूर्व पाइप लाइनें बिछाई गई थी। समय के साथ आबादी का विस्तार होता गया। कस्बे की आबादी 30 हजार से अधिक पहुंच गई है, लेकिन आबादी के अनुसार अभी तक पाइपलाइनों को नहीं बदला गया है। जिसके कारण आए दिन पाइपलाइनों के फूट जाने, लीकेज हो जाने की समस्या उत्पन्न हो जाती है। ऐसे में आए दिन सैकड़ों गैलन शुद्ध पानी भी व्यर्थ बह जाता है।
कस्बे में जलदाय विभाग के 3 हेडवक्र्स से 30-40 वर्ष पुरानी पाइपलाइनों के माध्यम से घरों में जलापूर्ति की जाती है। करीब 5 किलोमीटर परिधि में फैले पोकरण कस्बे में हेडवक्र्स से अंतिम छोर की दूरी 1 से 2 किलोमीटर तक हो जाती है। ऐसे में वर्षों पुरानी पाइपलाइनों के कारण अंतिम छोर तक पेयजल समस्या उत्पन्न हो जाती है।
कस्बे की पेयजल समस्या के समाधान को लेकर गत वर्ष राज्य सरकार की ओर से करीब 37 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई थी। इस राशि से पाइपलाइनों को बदलने का कार्य किया जाना था। करीब एक वर्ष बीत जाने के बाद अभी तक योजना अधरझूल में ही है। हालांकि निविदा आमंत्रित की गई है, लेकिन निविदा प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो पाई है।
कस्बे में वर्षों पुरानी पाइपलाइनें आए दिन लीकेज हो जाती है। कई बार तेज प्रेशर के कारण पाइपलाइन फूट जाती है और सैकड़ों गैलन शुद्ध पानी व्यर्थ बह जाता है। जबकि नई पाइपलाइनें लगाने व समस्या के समाधान को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
एक वर्ष पूर्व सरकार की ओर से नई पाइपलाइनों के लिए राशि स्वीकृत की गई, लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं हुआ है। ऐसे में आए दिन पेयजल समस्या की स्थिति उत्पन्न हो रही है।