
टिड्डी दल के प्रकोप से मिली राहत,उच्चाधिकारियों ने किया निरीक्षण
जैसलमेर/पोकरण. गत एक पखवाड़े से क्षेत्र में चल रहे टिड्डी दल के प्रकोप से गत दो दिनों से राहत महसूस की जा रही है। कृषि विभाग व टिड्डी प्रतिरक्षा एवं नियंत्रण विभाग की ओर से क्षेत्र में टिड्डी पर नियंत्रण कर लिए जाने के दावे भी किए जा रहे है। गौरतलब है कि गत एक पखवाड़े से पूर्वी पाकिस्तान क्षेत्र से बड़ी संख्या में टिड्डी दल भारत की पश्चिमी सीमाओं से होते हुए पोकरण क्षेत्र की रामदेवरा, लोहारकी, सादा ग्राम पंचायत के विभिन्न गांवों व ढाणियों तथा पोकरण फिल्ड फायरिंग रेंज में अपना पड़ाव डाला। यहां जोधपुर, फलोदी, पाली क्षेत्र से आए टिड्डी नियंत्रण विभाग के विशेषज्ञों, कृषि विभाग व स्थानीय प्रशासन की ओर से लगातार छिडक़ाव कर टिड्डी दल पर नियंत्रण का कार्य किया गया। कृषि आयुक्तालय जयपुर से कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ.सुआलाल जाट अधिकारियों की टीम के साथ रविवार को पोकरण पहुंचे। उन्होंने तहसीलदार रामसिंह जोधा, कृषि विभाग के उपनिदेशक राधेश्याम नारवाल, कृषि अधिकारी बीएल डाबला, सहायक कृषि अधिकारी मदनसिंह चंपावत, टिड्डी प्रतिरक्षा एवं नियंत्रण विभाग फलोदी के पवनकुमार, क्षेत्रीय वन अधिकारी वन्यजीव पूरणसिंह राठौड़, भू-अभिलेख निरीक्षक गोविंदराम गर्ग, पटवारी घेवरराम, जसवंतसिंह के साथ टिड्डी प्रभावित क्षेत्रों मंगलियों की ढाणी, गलर, बेलदारों की ढाणी, कुम्हारों की ढाणी, चवराली, काहला, नया मलका व पोकरण फिल्ड फायरिंग रेंंज के आसपास क्षेत्र में टिड्डी बचाव कार्य का निरीक्षण किया। संयुक्त निदेशक डॉ.जाट ने बताया कि क्षेत्र में लगभग टिड्डी दल पर नियंत्रण कर लिया गया है। उन्होंने अधिकारियों को हिदायत दी कि जिन-जिन स्थलों पर टिड्डी दल ने रात्रि पड़ाव डाला है, उन क्षेत्रों को चिन्हित कर विशेष रूप से निगरानी रखें। यहां टिड्डियों की ओर से दिए गए अण्डे हो सकते है, तो कुछ दिनों में फाका व टिड्डी बनकर क्षेत्र में पुन: न फैल जाए। उन्होंने आगामी कम से कम एक सप्ताह तक ऐसे संभावित क्षेत्रों में आवश्यकतानुसार कीटनाशक का छिडक़ाव करने के भी निर्देश दिए। इस दौरान क्षेत्रीय वन अधिकारी राठौड़ ने कृषि अधिकारियों व टिड्डी नियंत्रण अधिकारियों को गोडावण व अन्य वन्यजीव संरक्षण क्षेत्र के बारे में जानकारी दी। उन्होंने वन्यजीव संरक्षण क्षेत्र को बचाते हुए कीटनाशक का छिडक़ाव करने का आग्रह किया, ताकि राज्यपक्षी गोडावण व अन्य वन्यजीवों को नुकसान नहीं हो।
मवेशी व अन्य पशुओं को बचाने के लिए लगाएं बोर्ड
संयुक्त निदेशक डॉ.जाट ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिस क्षेत्र में टिड्डी दल के नियंत्रण को लेकर लगातार छिडक़ाव किया गया है, उन क्षेत्रों पर अस्थायी रूप से पशुपालकों की सावधानी के लिए चेतावनी बोर्ड लगवा दें। जिस पर छिडक़ाव की तिथि व उससे आगे कम से कम एक पखवाड़े तक की तिथि अंकित कर पशुपालकों को आगाह करें कि यहां टिड्डी नियंत्रण के लिए कीटनाशक का छिडक़ाव किया गया है तथा यहां प्रतिबंधित क्षेत्र है। उस तरफ अपने पशुओं को नहीं जाने दें, ताकि पशुपालकों व पशुओं को किसी भी तरह का नुकसान नहीं हो।
Published on:
03 Jun 2019 05:24 pm
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