जैसलमेर

मरुस्थल में रफ्तार: नियमों को ताक पर रख चल रही जीप सफारी

जिले के सम स्थित सोनलिया धोरे जीप सफारी के चलते आए दिन होने वाले हादसों के कारण खून से सुर्ख हो रहे हैं।

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Jul 23, 2025
जैसलमेर के सम क्षेत्र में लखमणा ड्यून्स पर खतरनाक होती जा रही जीप सफारी।

जैसलमेर. जिले के सम स्थित सोनलिया धोरे जीप सफारी के चलते आए दिन होने वाले हादसों के कारण खून से सुर्ख हो रहे हैं। देश-प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शामिल सम सैंड ड्यून्स में रोमांचक जीप सफारी पर्यटकों को खूब आकर्षित कर रही है, लेकिन सफारी में प्रयुक्त होने वाली गाडिय़ों की बेलगाम रफ्तार और चालकों की लापरवाही भरी ड्राइविंग अब हादसों की भी बड़ी वजह बनती जा रही है। बीते कुछ वर्षों में लगातार ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें तेज रफ्तार जीप पलट गई या रेत में फंसकर अनियंत्रित हो गई, जिससे पर्यटकों के हताहत होने की बुरी खबरें जब-तब सामने आती हैं।

हादसों के ये कारण मुख्य जिम्मेदार

सम क्षेत्र में सीजन के समय दर्जनों की तादाद में वाहन हजारों पर्यटकों को सैकड़ों सफारी करवाते हैं। लेकिन इन वाहनों को चलाने वाले चालकों में प्रतिस्पर्धा के चलते कई बार रफ्तार जानलेवा हद तक बढ़ा दी जाती है।

  • रोमांच का लुत्फ उठाने आए पर्यटकों को पहले तो तेज रफ्तार में आनंद आता है, लेकिन थोड़ी सी चूक होने पर उनका सफर खतरे में बदल जाता है।
  • सफारी करवाने वाले चालक बिना सुरक्षा बेल्ट के ही जीपों को बेहद तेज रफ्तार से चला रहे हैं। कई बार देशी के साथ विदेशी पर्यटक भी इन हादसों का शिकार हो जाते हैं।
  • सम के लखमणा ड्यून्स में सफारी करवाई जाती है। वहां ऊंचे-ऊंचे टीलों से वाहन को एकदम से तेज गति के साथ नीचे उतारते समय गाडिय़ां फिसल कर पलट जाती हैं। चूंकि सैलानियों को इन टीलों में सफारी का पहले से कोई अनुभव नहीं होता, इसलिए वे भी ज्यादा सावधानी नहीं बरतते।
  • प्रशासन और पुलिस की ओर से सुरक्षा मानकों को लेकर दिशा-निर्देश तो जारी किए गए हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर इनका पालन होता नजर नहीं आता। न तो चालकों के लिए नियमित प्रशिक्षण की व्यवस्था है और न ही वाहनों की तकनीकी जांच की कोई व्यवस्था है।सम की छवि प्रभावितलगातार होने वाले इन हादसों के कारण सम क्षेत्र की छवि भी प्रभावित हो रही है। पिछले वर्ष एनजीटी के निर्देशानुसार प्रशासन की तरफ से सम सेंड ड्यून्स में साहसिक और मनोरंजक गतिविधियों के लिए अलग-अलग स्थान निर्धारित किए थे। जीप सफारी और क्वॉड बाइकिंग आदि के लिए लखमणा ड्यून्स निर्धारित हैं। शाम के समय लगभग दो घंटों का समय ही जीप सफारी के लिए मिलता है। इतनी अवधि में ज्यादा से ज्यादा सवारियों को सफारी करवाने की होड़ हादसों का बड़ा करण बन रही है। इसके चलते जीप सफारी अब डरावने अनुभव में बदलने लगी है। रोमांचक सफारी को सुरक्षित बनाना प्राथमिकता होना चाहिए।एक्सपर्ट व्यू : सख्ती बरतनी होगीपर्यटन विशेषज्ञ संजय वासु बताते हैं कि जीप सफारी को सुरक्षित बनाने के लिए प्रशासन को सख्त लाइसेंसिंग व्यवस्था लागू करनी चाहिए। साथ ही सुरक्षा उपकरणों का प्रयोग अनिवार्य किया जाना चाहिए। सफारी संचालकों व चालकों के लिए रजिस्ट्रेशन, हेलमेट और स्पीड लिमिट को लेकर दिशा-निर्देशों की पालना सुनिश्चित की जानी चाहिए। इसके लिए विशेष निगरानी दल भी गठित किया जाना चाहिए। जिससे जैसलमेर का मरुस्थल पर्यटकों के लिए खतरा नहीं, बल्कि यादगार अनुभव बन सके।
Published on:
23 Jul 2025 11:27 pm
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