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जनवरी का पहला सप्ताह स्वर्णनगरी के लिए बना स्वर्णिम, पर्यटन से बरसा धन

क्रिसमस और नववर्ष की धूमधाम के बाद भी जैसलमेर का पर्यटन क्षेत्र नई ऊंचाइयों पर है। दिसंबर के अंतिम सप्ताह में 25 से 31 तारीख के बीच जब क्रिसमस और नववर्ष का उत्सव अपने चरम पर था, तब यहां हजारों सैलानी पहुंचे।

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क्रिसमस और नववर्ष की धूमधाम के बाद भी जैसलमेर का पर्यटन क्षेत्र नई ऊंचाइयों पर है। दिसंबर के अंतिम सप्ताह में 25 से 31 तारीख के बीच जब क्रिसमस और नववर्ष का उत्सव अपने चरम पर था, तब यहां हजारों सैलानी पहुंचे। अब आश्चर्यजनक रूप से जनवरी के पहले सप्ताह में भी पर्यटकों का सैलाब थमने का नाम नहीं ले रहा है। जानकारों के अनुसार इस बार जैसलमेर में करीब 30 हजार अधिक पर्यटक पहुंचे हैं, जिससे पर्यटन से भारी राजस्व अर्जित हुआ है। गड़ीसर लेक, सोनार दुर्ग और सम के रेतीले टीलों जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों पर बड़ी संख्या में सैलानी देखे जा रहे हैं और होटलों और रेस्टोरेंट्स में भी खासी चहल-पहल है। आगामी दिनों में भी शनिवार-रविवार के बाद मंगलवार को मकर संक्रांति का अवकाश होने से सैलानियों की भारी आवक का सिलसिला जारी रहने की उम्मीद है।

सैलानियों का बढ़ता रुझान

पर्यटन विशेषज्ञों का मानना है कि जैसलमेर में लगातार बढ़ रहे पर्यटन का कारण शीतकालीन अवकाश 6 जनवरी तक होना और पहाड़ी क्षेत्रों की अपेक्षा मौसम में अत्यधिक सर्दी न होना शामिल है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता व ऐतिहासिक धरोहरों को निहारने के लिए सैलानियों का आगमन जारी है। वैसे इस बार नववर्ष के बाद सैलानियों के भारी संख्या में आने का एक कारण और भी है। दरअसल, क्रिसमस और न्यू ईयर के मौके पर जैसलमेर के होटलों व प्रतिष्ठित रिसोट्र्स में किराया वृद्धि बहुत ज्यादा की गई। ऐसे में कई सैलानियों ने नया साल लागू होने के बाद अपनी यात्रा शुरू की है। अब होटलों व रिसोट्र्स के भावों में भी काफी हद तक सामान्यीकरण हो चुका है।

करोड़ों का व्यवसाय, हजारों को रोजगार

  • इन दिनों जैसलमेर के ऐतिहासिक दुर्ग, गड़ीसर सरोवर, पटवा हवेलियों के समूह से लेकर शहर के अन्य दर्शनीय स्थलों व बाजारों में सुबह से रात तक सैलानियों की चहल-पहल हो रही है।
  • शाम के समय बहुत बड़ी संख्या में सैलानियों के दल मार्ग में अमरसागर, मूलसागर और कुलधरा देखते हुए सम सेंड ड्यून्स पहुंच रहे हैं। वैसे सीधे सम पहुंचने वालों की तादाद प्रतिवर्ष की भांति इस बार भी काफी अधिक रही है।
  • सैलानियों की भारी भीड़ से पर्यटन व्यवसाय में जहां 50 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व आया है वहीं हजारों लोगों को प्रत्यक्ष व उससे कई गुना अधिक लोगों को परोक्ष रूप से रोजगार मिल रहा है।
  • होटलों व रिसोट्र्स के अलावा रेस्टोरेंट्स व हैंडीक्राफ्ट एम्पोरियम व शोरूम के संचालकों, ट्रेवल एजेंट्स, गाइड्स, वाहन चालकों व उनके मालिकों के चेहरे अच्छे सीजन की आभा से खिले हुए दिख रहे हैं। सबके यहां व्यस्तता का आलम है।अब मरु महोत्सव से भी बड़ी आसजैसलमेर पर्यटन के लिए एक बड़ी आस मरु महोत्सव के आयोजन से भी जुड़ी हुई रहती है। इस बार यह 9 से 12 फरवरी तक पहले दिन पोकरण व शेष दिनों में जैसलमेर शहर व सम-खुहड़ी में आयोजित किया जाएगा। गत चार दशक से अधिक समय से कुछ मौकों को छोड़ कर प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले मरु महोत्सव का इंतजार देश व दुनिया के पर्यटकों को रहता है। इस आयोजन में मरु क्षेत्र की कला-संस्कृति का दीदार करने के लिए जहां सैलानी आते हैं, वहीं अनेक जनों के लिए यह मौका प्रसिद्ध कलाकारों की पेशकशों को देखने-सुनने का भी होता है।फैक्ट फाइल -
  • 70 हजार से ज्यादा सैलानी बीते साल के अंतिम दिनों में आए
  • 30 हजार से अधिक नए वर्ष में अब तक जैसलमेर पहुंचे
  • 9 से 12 फरवरी तक आयोजित होगा मरु महोत्सव