27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

दिशा की बैठक को लेकर केंद्रीय मंत्री और सांसद आमने-सामने

जैसलमेर कलक्ट्रेट सभागार में शनिवार को आयोजित जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक को लेकर केंद्रीय मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत और बाड़मेर-जैसलमेर सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए हैं।

2 min read
Google source verification
jsm

जैसलमेर कलक्ट्रेट सभागार में शनिवार को आयोजित जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक को लेकर केंद्रीय मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत और बाड़मेर-जैसलमेर सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए हैं। बेनीवाल ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि उनकी तरफ से बैठक की तिथि में परिवर्तन का अनुरोध किए जाने के बावजूद प्रशासन ने केंद्रीय मंत्री के दबाव में उनकी गैरमौजूदगी में बैठक रख दी। वहीं इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि सांसद पिछले 15 दिनों से दिशा की बैठक का नोटिस जेब में लेकर क्यों घूमते रहे थे? बैठक की तिथि में परिवर्तन को लेकर मुझसे बात क्यों नहीं की? इसके जवाब में बेनीवाल ने दोपहर बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो में बयान जारी कर शेखावत पर गलतबयानी करने का आरोप लगाया।

एक दूसरे पर चलाए बयानों के तीर

दिशा की बैठक के संबंध में सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान को शिकायत करने को लेेकर ट्वीट किया। जिसमें उन्होंने जैसलमेर कलक्टर पर एक पार्टी प्रवक्ता बनकर काम करने और उनकी मौजूदगी के बिना बैठक करवाने पर सवाल उठाया। जब पत्रकारों ने इस विषय में दिशा कमेटी के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत से पूछा तो उन्होंने कहा कि, बैठक का लेटर 15 दिन पहले सांसद को मिल गया था। वे उसे जेब में डाल कर घूमते रहे। शेखावत ने तंज कसा कि, वे नए-नए कांग्रेस में आए हैं और उसकी पाठशाला में पढ़ रहे हैं। संवैधानिक संस्थाओं व व्यवस्थाओं का अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं को बढ़ाने व राजनीतिक विफलताओं को छुपाने के लिए इस्तेमाल करना कांग्रेसियों के स्वभाव का हिस्सा है। इसके बाद सांसद बेनीवाल ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर केंद्रीय मंत्री पर जवाबी हमला किया। सांसद ने शेखावत को मीठा बोल कर जनता को गुमराह करने वाला बताया। उन्होंने बताया कि शेखावत को गत 15 अप्रेल को जिला परिषद की सीइओ ने लिखित सूचना दी थी कि बेनीवाल संसदीय दौरे पर हैं। इसके बावजूद बैठक आयोजित की गई। सांसद ने शेखावत से पूछा कि क्या यह कदम संसदीय विशेषाधिकारों का हनन नहीं है और इस मनमानी के पीछे किसका संरक्षण है?