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भुलाए नहीं भूलती वाजपेयी की सरलता और सहजता

पूर्व प्रधानमंत्री और भारतीय राजनीति में अजातशत्रु कहलाने वाले अटल बिहारी वाजपेयी का सीमावर्ती जैसलमेर जिले से करीब का रिश्ता रहा है।

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भुलाए नहीं भूलती वाजपेयी की सरलता और सहजता

जैसलमेर. पूर्व प्रधानमंत्री और भारतीय राजनीति में अजातशत्रु कहलाने वाले अटल बिहारी वाजपेयी का सीमावर्ती जैसलमेर जिले से करीब का रिश्ता रहा है। 1998 में उनके नेतृत्व में पोकरण में किए परमाणु परीक्षणों के बारे में तो दुनिया जानती है, लेकिन यहां के कई बाशिंदों के जेहन में साल 1994 में उनकी तीन दिवसीय निजी यात्रा की यादें अब भी ताजा हैं। उस समय वाजपेयी की सरलता और सहजता ने सम्पर्क में आने वाले सभी लोगों का दिल जीत लिया था।तत्कालीन भाजपा जिला उपाध्यक्ष मुरलीधर खत्री पूरे समय तक वाजपेयी के साथ रहे थे। गुरुवार को वाजपेयी के निधन की खबर मिलने के बाद खत्री बेहद व्यथित हो गए। उन्होंने वाजपेयी की तीन दिवसीय यात्रा की यादों के बारे में ‘पत्रिका’ के साथ चर्चा की।

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खत्री ने बताया कि दिसम्बर 1994 के आखिर में जैसलमेर आए वाजपेयी ने स्थानीय सर्किट हाउस में प्रवास किया। इस दौरान उनसे मिलने भाजपा के सभी नेता और कार्यकर्ता तो पहुंचते ही थे, अन्य लोग भी उनसे मिलना चाहते। वाजपेयी ने तब किसी को निराश नहीं किया और सभी मिलने आने वालों से बेहद आत्मीयता के साथ मिले। उस समय वाजपेयी संसद में नेता प्रतिपक्ष् ा के पद पर थे। उनकी सुरक्ष् ाा भी कड़ी थी, लेकिन वे अपने सुरक्षाकर्मियों को रिलेक्स रहने को कहते।

गोपा चौक में ली थी सभा
उस दौरान वाजपेयी ने गोपा चौक में आमसभा को सम्बोधित भी किया। दुर्भाग्य से उसी दिन देश के पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैलसिंह के निधन की सूचना आ गई। तब वाजपेयी ने सभा में दलगत राजनीति पर चर्चा नहीं करते हुए जैलसिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की और देश की बुनियादी समस्याओं पर ही विचार व्यक्त किए। मुरलीधर खत्री ने बताया कि सभा में आने के लिए वे सर्किट हाउस से दूसरी गाड़ी में सवार थे। वाजपेयी ने उनके बारे में पूछताछ की और जब पता चला कि वे पीछे वाली गाड़ी में सवार हैं तो उन्हें अपने साथ गाड़ी में बैठाया।
जन्मदिन पर मिलने पहुंचे थे लोग
25 दिसम्बर को वाजपेयी का जन्मदिन था और वे स्वयं भी जैसलमेर में थे। यह जानकारी मिलने पर एक प्रतिनिधिमंडल उनसे मिलने सर्किट हाउस पहुंचा। दल में वर्तमान जिला संघचालक त्रिलोकचंद खत्री, समाजवादी विचारक श्यामसुंदर डावाणी सहित अन्य लोगों ने उन्हें बधाई दी। वे सभी लोगों से आत्मीयतापूर्वक मिले और दु:खी स्वर में कहा कि आज ही हमारे पूर्व राष्ट्रपति का देहांत हो गया है इसलिए वे अपना जन्मदिन नहीं मनाएंगे। मुरलीधर खत्री के घर में जब भी मांगलिक कार्य हुए, वाजपेयी ने निमंत्रण पत्र के प्रत्युत्तर में उन्हें बधाई संदेश भिजवाए। खत्री ने कहा कि वाजपेयी ने तीन दिन के जैसलमेर प्रवास के दौरान एक बार भी जाहिर नहीं होने दिया कि, वे देश के अग्रिम पंक्ति के नेताओं में से एक हैं।