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Rajasthan News: भामाशाह का जन्मभूमि से जुड़ाव, गांव में 3 करोड़ से बनाएंगे दो मंजिला हाइटेक स्कूल

जालोर को भामाशाहों की भूमि कहा जाता है। देश के विभिन्न प्रांतों में मारवाड़ को मशहूर करने वाले इन भामाशाहों का अपनी जन्मभूमि से जुड़ाव कायम है।

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school in Jalore

जालोर। जालोर को भामाशाहों की भूमि कहा जाता है। देश के विभिन्न प्रांतों में मारवाड़ को मशहूर करने वाले इन भामाशाहों का अपनी जन्मभूमि से जुड़ाव कायम है। जिले के विभिन्न गांवों में भामाशाहों ने करोड़ों रुपए खर्च कर अस्पताल व स्कूल बनवाएं है। इसी कड़ी में आहोर उपखंड के चरली निवासी भामाशाह परिवार ने गांव में करीब चालीस साल पुराने जर्जर भवन की जगह तीन करोड़ की लागत से स्कूल का हाइटेक भवन बनाने का बीड़ा उठाया है। चरली गांव के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के नवीन भवन निर्माण को लेकर राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद से स्वीकृति जारी हो चुकी है।

ऐसे में शीघ्र ही यहां पर नवीन विद्यालय भवन निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा। गांव के भामाशाह दिलीप कुमार प्रतापचंद जैन डीपी गोल्ड नैल्लोर आंध्रप्रदेश ने विद्यालय का हाइटेक भवन बनाने के लिए एसडीएमसी को प्रस्ताव दिया था। जिस पर सपूर्ण प्रोजेक्ट बनाकर जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक को भेजा गया। उन्होंने माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक व राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के आयुक्त को नवीन स्कूल भवन बनाने की स्वीकृति के लिए भेजा था। अब राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद से नवीन भवन निर्माण की स्वीकृति जारी हो चुकी है।

गिट डीड बनाकर करेंगे सुपुर्द

चरली गांव में गांव के भामाशाह दिलीपकुमार प्रतापचंद जैन की ओर से माता-पिता की स्मृति में नवीन भवन बनाकर गिट डीड के जरिए विद्यालय को सुपुर्द किया जाएगा। सुपुर्द करने पर विद्यालय का नामकरण भूरीबाई प्रतापचंद (डीपी गोल्ड) राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय चरली होगा।

विद्यालय में कक्षा कक्ष, छात्र छात्राओं के लिए अलग-अलग टॉयलेट व सुलभ सुविधाएं, दिव्यांगों के लिए टायलेट, रसोईघर, स्टोर, पुस्तकालय, प्रयोगशाला, मेडिकल रूम, स्टाफ, प्रधानाचार्य व उप प्रधानाचार्य कक्ष सभी को हाइटेक तरीके से बनाकर सुपुर्द किया जाएगा।

इनका कहना…

विद्यालय में चार कक्षा कक्ष गिर चुके थे। बाकी जर्जर थे। ऐसे में नवीन विद्यालय भवन बनाने को लेकर भामाशाह दिलीपकुमार को अवगत करवाया तो उन्होंने सहर्ष स्वीकृति दे दी। अब राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद से भी स्वीकृति आ गई है। शीघ्र ही भामाशाह की ओर से यहां हाइटेक स्कूल भवन निर्माण का कार्य शुरू करवाया जाएगा।

मोहनलाल राठौड़, प्रधानाचार्य, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय चरली

गांव में विद्यालय भवन जर्जर हो गया था। स्कूल के प्रधानाचार्य ने बताया था। गांव से दूर दूसरे प्रांत में रहने के बावजूद जन्मभूमि से जुड़ाव है। ऐसे में शिक्षा रूपी उजियारे के लिए माता-पिता की स्मृति में शिक्षा का मंदिर बनाने का विचार आया। मैंने माता-पिता की स्मृति हाइटेक स्कूल बनाने की सहर्ष ही स्वीकृति देकर प्रोजेक्ट तैयार करवाया। अब स्वीकृति मिली है। शीघ्र ही निर्माण कार्य शुरू करवाएंगे।

दिलीप कुमार जैन, भामाशाह , चरली