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किसान बोले: धैर्य की परीक्षा ले रही सरकार

उपखंड कार्र्यालय के बाहर राजस्थान किसान संघर्ष समिति के बैनर तले किसानों ने शनिवार को 11वें दिन भी धरने को जारी रखा। सुबह से ही आस-पास के दर्जनों गांव

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Jalore News


भीनमाल. उपखंड कार्र्यालय के बाहर राजस्थान किसान संघर्ष समिति के बैनर तले किसानों ने शनिवार को 11 वें दिन भी धरने को जारी रखा। सुबह से ही आस-पास के दर्जनों गांवों के किसान धरना स्थल पर आने शुरू हुए। ग्यारह बजे तक धरना स्थल पर सैकड़ों की सं?या में किसानों की भीड़ जमा हो गई। गांवों से किसान बाइक पर सवार होकर रैली के रूप में उपखण्ड कार्यालय के बहार पहुंचे। इसके बाद किसानों ने मांगों की सुनवाई होने पर सिर पर काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। किसानों ने किसान एकता के नारे भी लगाए। धरने को संबोधित करते हुए किसान संघर्ष समिति के संयोजक विक्रम सिंह पूनासा ने कहा कि किसान जेल भरो आंदोलन के लिए भी तैयार हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को किसानों की मांगें माननी होगी। पूनासा ने कहा कि जो किसान हित में काम करेगा, वही देश पर राज करेगा। भलाराम चौधरी ने कहा कि आंदोलन के लिए किसानों की सं?या दिनों दिन बढ़ रही है। धरने से सरकार पर दबाव बन रहा है, प्रशासन भी किसानों से संपर्क में है। उन्होंने कहा कि प्रशासन के लिखित में देने पर ही किसानों का धरना खत्म होगा। सुरेश व्यास ने कहा कि गंूगी व बहरी सरकार को किसानों की आवाज नहीं सुनाई दे रही है। किसानों को सब्र का फल अवश्य मिलेगा। ईश्वर सिंह पूनासा ने कहा कि जनप्रतिनिधि आंदोलन को खत्म करने के लिए साधु-संतों व प्रबुद्ध लोगों के जरिए किसान नेताओं पर दबाव बना रहे हैं, लेकिन किसान हक के लिए आत्मदाह करने को भी तैयार हंै। भगवानाराम विश्नोई ने कहा कि वर्तमान में किसान कर्ज में डूब कर आत्महत्या करने को मजबूर है। इस साल 529 किसानों ने आत्महत्या की।पहले खेती को सर्वोत्तम माना जाता था, लेकिन आज खेती करने वाला किसान सबसे पीछे है। किशनलाल विश्नोई ने कहा कि किसानों के लिए मातृशक्ति भी पूरा साथ दे रही है। सांचौर किसान सभा के ईशराराम ने कहा कि सरकार किसानों को कम आंक रही है। पड़ौसी राज्य गुजरात में किसानों को उनके नुकसान का सर्वे कर मुआवजा भी दे दिया गया है, लेकिन राजस्थान में अभी तक सर्वे भी पूरा नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि आनाज किसान पैदा करे और भाव व्यापारी तय करें। अनशनकारी कन्हैयालाल गौड़ ने कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश है। कृषि प्रधान होने के बावजूद देश के किसान दुखी हैं। यह देश के लिए विडं़बना है। सैनिक के बाद किसान ही राष्ट्र भक्त है। उन्होंने मांगें पूरी नहीं होने तक अनशन जारी रखने की बात कही। धरने को महेन्द्रगिरी पूनासा, राणाराम व शिवराज राजपुरोहित ने भी संबोधित किया। इससे पूर्व धरना स्थल पर पहुंचे एसडीएम दौलतराम चौधरी को मांगों को लेकर सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा। इस मौके कई किसान मौजूद थे।
मातृशक्ति भी बढ़ा रही हौसला
धरने पर हर रोज महिलाओं की संख्या भी बढ़ रही है। सुबह से ही गांवों से मातृशक्ति धरने पर पहुंच कर किसानों का हौसला बढ़ा रही है। धरने को संबोधित करते हुए सुनीता विश्नोई ने कहा कि किसानों ने ही बिजोलिया जैसे बड़े आंदोलन किए हैं। देश की आजादी में भी किसानों ने खास भूमिका निभाई थी। आजादी से पहले किसानों का शोषण होता था, लेकिन आज आजादी के बाद भी किसानों को उनके हक के लिए लडऩा पड़ रहा है। गीतादेवी चौधरी ने कहा कि किसानों को नेताजी सुभाषचंद्र बोस की तरह मिलकर संघर्ष करना होगा। इसके लिए मातृशक्ति पीछे नहीं हटेगी। धरने को रमीला देवासी ने भी संबोधित किया। इस मौके काफी संख्या में मातृशक्ति मौजूद थी।
बढ़ रही है अनशनकारियों की संख्या
धरने पर आमरण अनशन पर बैठे किसानों की संख्या लगातार बढ़ रही है। शनिवार को भी 6 किसान धरने पर बैठे। 8 किसान चार दिन सेव 6 किसान दो दिन से आमरण अनशन पर हंै। किसानों का कहना है कि मांगें नहीं मानने पर अनशनकारियों की सख्या और भी बढ़ सकती है।