
चितलवाना (जालोर) | क्षेत्र के झोटड़ा गांव में एक किसान ने अपने खेत में बने छपरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वह बैंक ऋण नहीं चुका पाने से परेशान था। इस आशय की रिपोर्ट मृतक के भाईने चितलवाना थाना पुलिस को दी है। पुलिस ने मर्ग दर्ज कर जांच प्रारंभ की है। मृतक के भाई प्रभुराम ने बताया कि परावा गांव की सरहद में उसका भाई टीकमाराम (45) अरण्डी और जीरे की काश्त करता है। रात में वह खेती की रखवाली कर रहा था। सुबह नौ बजे उसकी पत्नी खाना लेकर पहुंची तो टीकमाराम फंदे से झूल रहा था। उसके भाई ने भारतीय स्टेट बैंक से कर्ज से परेशानी की बात कही है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। देशभर में किसानों की आत्महत्या का मुदृा महत्वपूर्ण है। परन्तु जिम्मेदार ध्यान ही नहीं दे रहे। खेती पर आश्रित जालोर जिले में किसान की मौत चौंकाने वाली है। चौंकना तब लाजिमी हो जाता है जब छह माह में दो किसान आत्महत्या कर लेते हैं। सरकारी इमदाद तो दूर परिवार के लोगों से कोई मिलने तक नहीं पहुंचा है।
जिले में 6 माह में दूसरा प्रकरण
जिले में बैंक कर्ज से आहत किसान द्वारा आत्महत्या करने का दूसरा मामला है। इससे पूर्व14 जून को रानीवाड़ा इलाके के मेड़क कलां गांव के एक किसान ने बैंक कर्जसे आहत होकर आत्महत्या कर ली थी।
पिता ने सालों पहले लिया था कर्ज
पत्रिका से बातचीत में मृतक के भाई ने बताया कि उसके पिताजी भैरुलाल की करीब पन्द्रह साल पहले मौत हो गई। उन्होंने करीब बीस हजार का ऋण बाड़मेर जिले की गुड़ामालानी शाखा से लिया हुआ था। अभी पांच लाख के करीब मांग निकल रही थी। जिस काश्त पर भाई खेती कर रहा था। उसी पर ऋण है।यह जमीन कुर्कनहीं हो जाए।इसको लेकर वह परेशान था। उसकी मौत को लेकर को लेकर किसी पर शक नहीं है।
Published on:
24 Dec 2017 11:48 am
बड़ी खबरें
View Allजालोर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
