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राजस्थान में पुलिस ने वापस दिलवाई ऑनलाइन ठगी गई लाखों की राशि, जानिए कैसे

Online Fraud : जालोर के एक पूर्व आईएएस के खाते से साइबर ठगों ने ऑनलाइन ठगी कर करीब छह लाख रुपए खाते से निकाल लिए। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने तकनीक संसाधनों के माध्यम से ठगी गई राशि पुन: पूर्व आईएएस के खाते में रिफंड करवा दी है।

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Online Fraud : जालोर के एक पूर्व आईएएस के खाते से करीब बीस दिन पूर्व साइबर ठगों ने ऑनलाइन ठगी कर करीब छह लाख रुपए ठग लिए। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने तकनीक संसाधनों के माध्यम से ठगी गई राशि पुन: पूर्व आईएएस के खाते में रिफंड करवा दी है।

इस प्रकार किया ठगी का खेल
जानकारी के अनुसार पूर्व आईएएस रामसीन निवासी गंगासिंह परमार ने गत सात जुलाई को साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई कि उन्होंने पांच जुलाई को स्नैपडील के कस्टमर केयर नम्बर ऑनलाइन सर्च किए। उसके बाद उनके पास कॉल आया। जिसने एनीडेस्क एप डाउनलोड करने को कहा। जब एप डाउनलोड किया तो साइबर ठग ने उनके बैंक खाते से पांच लाख 89 हजार 990 रुपए हड़प लिए। ठगी की रिपोर्ट पर साईबर थाना, जालोर में मुकदमा दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया और त्वरित कार्रवाई करते हुए बैंकों के नोडल अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर पीडि़त के खाते से हुए अनाधिकृत ट्रान्जेक्शन को निरस्त करवाया। वहीं आरोपी के खातों को फ्रीज करवाया जाकर ट्रान्जेक्शन हुई सम्पूर्ण रकम को पुन: पीडि़त के बैंक खाते में रिफंड करवाई गई।

पुलिस ने यूं दिलवाई राशि
पुलिस अधीक्षक मोनिका सेन ने साइबर सैल के प्रभारी डीवाईएसपी देरावरसिंह के नेतृत्व में साइबर विशेषज्ञ टीम हैड कांस्टेबल दीपसिंह मय जाब्ता का गठन किया। पुलिस टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए प्रकरण में प्रार्थी के बैंक खातों से जिन खातों में राशि ट्रांसफर हुई, उन खातों का पता लगाया जाकर तकनीकी पहलुओं पर विश्लेषण कर आरोपियों के बैंक खातों में हुए ट्रान्जेक्शन का पता लगाया। बैंकों के नोडल अधिकारियों से तुरन्त समन्वय स्थापित कर पीड़ित के खाते से हुए अनाधिकृत ट्रान्जेक्शन को निरस्त करवाया। वहीं आरोपी के खातों को फ्रीज करवाया जाकर ट्रान्जेक्शन हुई सम्पूर्ण रकम को पुन: पीडि़त के बैंक खाते में रिफंड करवाई गई। प्रकरण में अग्रिम अनुंसधान जारी है।