भारतमाला परियोजना के तहत बनाए गए एक्सप्रेस-वे संख्या 754 की निर्माण गुणवत्ता को लेकर सवाल उठ रहे है। करीब 8 हजार करोड़ रुपए से अधिक की लागत से तैयार इस हाईवे की हालत निर्माण पूर्ण होने से पहले ही चरमराने लगी है।
सांचौर। भारतमाला परियोजना के तहत बनाए गए एक्सप्रेस-वे संख्या 754 की निर्माण गुणवत्ता को लेकर सवाल उठ रहे है। करीब 8 हजार करोड़ रुपए से अधिक की लागत से तैयार इस हाईवे की हालत निर्माण पूर्ण होने से पहले ही चरमराने लगी है। 90 किमी घंटे से अधिक की रफ्तार के लिए डिजाइन किए गए इस एक्सप्रेस वे की सड़कें दरकने और धंसने लगी हैं, जिससे इसके निर्माण में गुणवत्ता की अनदेखी होती उजागर हो रही है। भारतमाला एक्सप्रेस वे के सांचौर से थराद व सांचौर से बागोड़ा खंड को एक सप्ताह पहले ट्रायल के लिए खोला गया था, लेकिन गुजरात सीमा के थराद क्षेत्र में सड़क इस कदर धंस गई की डामर के साथ कंक्रीट तक मिट्टी में समा गया। हालात यह कि वहां से वाहनों का निकलना भी मुश्किल हो गया है।
सांचौर से महज 5 किमी दूर जीवों का गोलियां क्षेत्र में बने पुल में दरारें आ गई हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि समय रहते मरम्मत नहीं की गई, तो यह बड़ा हादसे का कारण बन सकता है।
राष्ट्रीय महत्व की परियोजना में निर्माण गुणवत्ता की यह गिरावट राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की निगरानी व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों ने एनएचएआई से जवाबदेही तय करने व दोषी एजेंसियों पर कार्रवाई की मांग की है।
थराद ही नहीं, सांचौर के आसपास के 27 किमी क्षेत्र में भी अभी तक भारी वाहनों की नियमित आवाजाही शुरू नहीं हुई है, लेकिन सड़कें जगह-जगह से उखड़ चुकी हैं। यह स्पष्ट संकेत है कि निर्माण में मानकों की अनदेखी की गई है।
इनका कहना
भारतमाला पर यातायात विभागीय प्रक्रिया पूरी होने के बाद शुरू हो जाएगा, हालांकि यह एनएचएआई का मामला है। एक्सप्रेस वे के पुल पर अगर कहीं क्रेक जैसी कोई जानकारी सामने आने पर जरूर संज्ञान में लिया जाएगा।
दौलतराम, एडीएम, सांचौर