
एआई तस्वीर
सांचौर। जिला चिकित्सालय सांचौर में मरीजों की भर्ती के नाम पर फर्जीवाड़ा सामने आया है। अस्पताल रिकॉर्ड में जहां विभिन्न बीमारियों के नाम पर 23 मरीज भर्ती दर्शाए गए, वहीं रात को हकीकत में पूरे अस्पताल में सिर्फ एक ही मरीज बेड पर सोता मिला। शेष वार्ड पूरी तरह खाली पाए गए।
पत्रिका की रात्रिकालीन पड़ताल में यह भी सामने आया कि मरीजों की देखभाल के लिए ड्यूटी पर तैनात नर्सिंग स्टाफ भी नदारद था। महिला नर्सों के स्थान पर केवल एक मेल नर्सिंगकर्मी ही मौजूद मिला, जबकि चार नर्सिंग कार्मिकों की ड्यूटी दर्ज थी। यह स्थिति न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि महिला मरीजों की सुरक्षा और उपचार व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है।
ऑपरेशन थिएटर जैसे संवेदनशील क्षेत्र में चिकित्सा गतिविधियों के बजाय एक एम्बुलेंसकर्मी सोता हुआ मिला। इससे अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही और गैर-जिम्मेदाराना रवैये की तस्वीर साफ नजर आई।
सूत्रों के अनुसार, मरीजों की संख्या कागजों में बढ़ाकर दिखाना कोई साधारण चूक नहीं, बल्कि सरकारी योजनाओं के तहत मिलने वाली दवाइयों, भोजन और बजट के संभावित दुरुपयोग का संकेत है। जब मरीज वास्तव में मौजूद नहीं थे, तो उनके नाम पर इलाज और खर्च कैसे दर्शाया जा रहा है, यह गंभीर जांच का विषय है।
विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए भर्ती मरीज ड्रिप लगाने के बाद वापस चले गए थे। वे स्थानीय हैं और सुबह वापस आ जाते हैं। आगे से ऐसे मरीजों पर पाबंदी लगाई जाएगी।
Updated on:
17 Dec 2025 04:04 pm
Published on:
17 Dec 2025 04:02 pm
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