
कोर्ट से सजा मिलने के बाद दोनों दोषी भाइयों को ले जाती पुलिस। फोटो- पत्रिका
भीनमाल (जालोर)। अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश राजेन्द्र साहू ने बुधवार को ढाई साल पहले मोदरा कस्बे में हुए डबल मर्डर मामले में हत्या के आरोपी दोनों भाइयों को फांसी की सजा सुनाई।
अपर लोक अभियोजक भरत कुमार आर्य ने बताया कि न्यायाधीश राजेन्द्र साहू ने 3 अप्रेल 2023 को मोदरा कस्बे में घटित दोहरे हत्याकांड मामले में फैसला सुनाते हुए आरोपी मोदरा निवासी पहाड़ सिंह और डूंगर सिंह, पुत्र परबत सिंह को मृत्युदंड की सजा सुनाई।
इसके साथ ही दोनों पर 10 लाख रुपए का अर्थदंड भी लगाया। आरोपियों को अदम अदायगी के रूप में 2 वर्ष का कठोर कारावास भुगतना होगा। इसके अलावा न्यायालय ने आरोपियों को अलग-अलग धाराओं में आजीवन कारावास और 11 साल के साधारण कारावास की सजा भी सुनाई।
मोदरा निवासी पहाड़ सिंह और डूंगर सिंह दोनों सगे भाई हैं। आरोपियों ने संपत्ति को लेकर उपजे वैमनस्य और शादी नहीं होने से नाराज होकर 3 अप्रेल 2023 की रात अपने बड़े भाई रतन सिंह के घर में घुसकर भाभी इंदिरा कंवर, भतीजी रिंकू कंवर और भतीजे जसवंत सिंह पर जानलेवा हमला किया। इस हमले में भाभी की मौत हो गई। शोर सुनकर बचाने आए पड़ोसी हरिसिंह की भी कुल्हाड़ी से हत्या कर दी गई, जबकि हड़मत सिंह और जसवंत सिंह गंभीर रूप से घायल हुए।
इस दौरान मौके पर पहुंचे एएसआई सुरेन्द्र सिंह भी घायल हुए। न्यायालय ने एएसआई को डेढ़ लाख रुपए प्रतिकर राशि देने का आदेश दिया। फैसले के समय मृतका इंदिरा कंवर के परिजन और मृतक हरिसिंह की पत्नी व बच्चों की आंखों से आंसू बह गए। सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक भरत कुमार आर्य ने पैरवी की।
रामसीन पुलिस थाने में 4 अप्रेल 2023 को मोदरा निवासी नरेन्द्र सिंह ने रिपोर्ट दर्ज करवाई कि 3 अप्रेल 2023 की रात रतन सिंह के घर पर उसके छोटे भाई डूंगर सिंह और पहाड़ सिंह ने कुल्हाड़ी से हमला किया। पुलिस जांच में पता चला कि दोनों अविवाहित थे और विवाह की मांग को लेकर बड़े भाई पर दबाव बना रहे थे।
पुलिस ने बताया कि उम्र अधिक होने और बेरोजगारी के कारण दोनों का विवाह तय नहीं हो पाया था। बाद में रतन सिंह ने अपनी पुत्री रिंकू कंवर को आटा-साटा में देने से इंकार किया, जिससे दोनों भाइयों ने रंजिश पाल ली। इसी रंजिश के चलते उन्होंने अपनी भाभी इंदिरा कंवर की हत्या की। न्यायालय ने मामले की गंभीरता और निर्दोष पड़ोसी की हत्या होने के कारण दोनों मृतक के परिवार को 7-7 लाख रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया।
घटनास्थल पर हथियार से लैस आरोपियों को दबोचने वाले एएसआई सुरेन्द्र सिंह को 1.50 लाख रुपए की प्रतिकर राशि देने का भी आदेश दिया। केस ऑफिसर स्कीम के तहत तत्कालीन और वर्तमान थानाधिकारी एवं केस ऑफिसर अरविंद सिंह ने वैज्ञानिक विश्लेषण और पुख्ता साक्ष्यों के आधार पर हत्या में प्रयुक्त हथियार बरामद कर 56 दिनों में न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया। कोर्ट मुंशी अशोक कुमार ने 11 माह में 30 गवाहों के बयान न्यायालय में करवाए।
Updated on:
10 Dec 2025 06:39 pm
Published on:
10 Dec 2025 06:00 pm
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