जालोर. हर समय घाटे में चलने का रोना रो रहे रोडवेज बसों के संचालन में बेपरवाही बरती जा रही है। समय पर बसों का संचालित करना तो दूर इनके बोर्ड तक नहीं बदले जा रहे। बसों के आगे गंतव्य तक जाने वाले स्टेशन का नाम लिखा रहता है, लेकिन गलत बोर्ड लगाने से यात्री भ्रमित हो रहे हैं। सिरोही-जालोर रूट पर चलने वाली बसों में तो कम से कम यहीं हो रहा है। बुधवार सुबह सिरोही आगार की एक बस जालोर के लिए आई। दोपहर करीब दो बजे इस बस ने वापस सिरोही के लिए प्रस्थान किया। लेकिन, विंड स्क्रीन पर जयपुर का बोर्ड लगा रहने से लोग भ्रमित हो गए। रास्ते में आने वाले स्टेशनों पर लोगों ने दूर से जयपुर का बोर्ड देखकर इस बस में बैठना ही उचित नहीं समझा। सिरोही से जालोर के बीच लोकल रूट पर संचालित हो रही इस बस पर जयपुर रूट का बोर्ड लगा हुआ है, लेकिन न तो सिरोही डिपो से बाहर निकलते समय में जांच हुई और न ही जालोर में। यहां का फेरा लगाने के बाद बस वापस सिरोही के लिए निकल भी गई, लेकिन बोर्ड बदलने की जहमत किसी ने नहीं उठाई।
स्लीपर कोच ने बढ़ाया भ्रम
लोकल रूट में आमतौर पर सीटिंग बसें ही चलाई जाती है, लेकिन यह बस स्लीपर कोच थी। ऐसे में इसके आगे सिरोही-जयपुर-सिरोही का बोर्ड देखकर लोग भ्रमित हो गए। र्क लोगों ने यहीं सोचा कि इस रूट पर जयपुर की बस संचालित हो रही होगी।