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माता वैष्णो देवी के रास्ते पर रखी जाएगी सीसीटीवी कैमरों से नज़र, बैठक में लिए गए और भी अहम निर्णय

इससे न सिर्फ यात्रियों पर नजर रखी जा सकेगी, बल्कि पूरे मार्ग को भी सुरक्षित बनाया जा सकेगा...

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(जम्मू): माता वैष्णो देवी के आधार शिविर कटड़ा से लेकर भवन तक मार्ग को सुरक्षित बनाने के लिए दर्शन द्वार से लेकर भवन तक सीसीटीवी सर्विलांस सिस्टम लगाया जाएगा। इससे न सिर्फ यात्रियों पर नजर रखी जा सकेगी, बल्कि पूरे मार्ग को भी सुरक्षित बनाया जा सकेगा। यही नहीं आपात स्थिति होने पर श्राइन बोर्ड और स्थानीय प्रशासन को भी इससे मदद मिलेगी। यह फैसला शुक्रवार को राज्यपाल सत्यपाल मलिक की अध्यक्षता में श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की बैठक में लिया गया। इसमें अन्य सदस्यों के अलावा अयोध्या विवाद में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त मध्यस्थ श्रीश्री रविशंकर ने भी भाग लिया। भवन तक जाने के लिए बनाए गए नए तराकोट मार्ग पर भी पुराने मार्ग की तर्ज पर ही आडियो सिस्टम लगाने को मंजूरी दी गई। इससे यात्रा मार्ग पर यात्री सुंदर नजारे देखने के अलावा माता की भेंटें, मंत्र व श्लोक भी सुन सकेंगे। यह भजन हिंदी और डोगरी दोनों भाषाओं में होंगे।


अन्य सुविधओं को लेकर चर्चा

यात्रा मार्ग पर आग की घटनाओं को रोकने के लिए भवन से हिमकोटी होते हुए अर्द्धकुंवारी तक फायर हाइड्रेंड स्थापित करने पर भी चर्चा हुई। इसमें तय किया गया कि इन्हें प्राथमिकता पर लगाया जाए। इस प्रोजेक्ट के तहत व्यर्थ पानी को साफ कर भवन, हिमकोटी और अर्द्धकुंवारी तक 50-50 हजार गैलन पानी लाया जाएगा। पीएचई विभाग इस प्रोजेक्ट को इसी साल मई महीने तक 3.50 करोड़ की लागत से पूरा कर देगा। इसके अलावा इस पानी को बागवानी, मार्ग को साफ करने तथा निर्माण कार्यों के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। बोर्ड ने एक और अहम फैसले में यात्रा मार्ग पर सभी शौचालयों को एसटीपी के साथ जोड़ने का फैसला किया। इसमें यह तय किया गया कि मार्ग पर जिस तरह से अलग-अलग जगहों पर शौचालय हैं, उसे देखते हुए उन्हें एक सेंट्रलाइजड एसटीपी के साथ नहीं जोड़ा जा सकता है। परंतु चरणबद्ध तरीके से हर एक के लिए अलग से एसटीपी बनाया जाएगा। शुरू में 25 शौचालयों के लिए यह प्रोजेक्ट होगा। इस पर 6.65 करोड़ रुपये खर्च आएंगे। यही नहीं पानी को फिर से साफ करके इसे बागवानी व अन्य कामों के लिए भी इस्तेमाल किया जाएगा।


अंडरग्रांउड केबल वर्क की समीक्षा

बोर्ड ने कटड़ा से भवन तक चल रहे अंडरग्रांउड केबल वर्क के काम की भी समीक्षा की। बिजली विभाग ने यह काम पहले से ही टेंडर के माध्यम से एक ठेकेदार को सौंपा है। इस प्रोजेक्ट पर 78 करोड़ रुपए खर्च आएगा। श्राइन बोर्ड और सरकार दोनों ही फंड दे रही हैं। राज्यपाल ने श्राइन बोर्ड के सीईओ को निर्देश दिए कि सभी प्रोजेक्ट समय पर पूरे हों। बोर्ड ने ई-सर्विलांस रेडियो फ्रिकेंवसी इडेंटीफिकेशन डिवाइस पर आधारित ट्रैकिंग और प्री पेड सिस्टम को जारी करने के लिए की गई तैयारियों पर भी चर्चा की। इससे यात्री घोड़े, पिटठु और पाल्की प्री पेड से ले सकेंगे।


यह लोग रहे मौजूद

बैठक में श्रीश्री रविशंकर, डा. अशोक भान, केबी काचरू, केके शर्मा, सेवानिवृत्त जस्टिस प्रमोद कोहली, सेवानिवृत्त मेजर जनरल शिव कुमार शर्मा, विजय धर के अलावा मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रहमण्यम, राज्यपाल के प्रमुख सचिव उमंग नरूला, श्राइन बोर्ड के सीईओ सिमरनदीप सिंह, अतिरिक्त सीईओ विवेक शर्मा और चीफ इंजीनियर एमएम गुप्ता भी मौजूद थे।


नहीं होगी मेडिकल कालेज की स्थापना

श्राइन बोर्ड ने बैठक में एक अहम फैसला लिया और कहा कि अब मेडिकल कालेज स्थापित नहीं किया जाएगा। इसमें कहा गया कि राज्य में सरकार पहले से ही पांच मेडिकल कालेज और दो एम्स स्थापित कर रही है। ऐसे में अब मेडिकल कालेज नहीं खोला जाएगा। बोर्ड ने दान करने की योजना को मंजूरी देते हुए पहले से तय नियमों के आधार पर ही दान करने की हिदायत दी। इसमें यह भी तय हुआ कि बोर्ड का खर्च कुल आय से कम होना चाहिए। बैठक में 53 करोड़ की लागत से बन रहे श्री माता वैष्णो देवी नर्सिंग कालेज कांप्लेक्स, श्री माता वैष्णो देवी नारायणा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, श्री माता वैष्णो देवी गुरूकुल की कार्यप्रणाली की समीक्षा भी की। यह तय किया गया कि डायलिसेस, इको सहित कई टेस्ट करवाने वाले मरीजों के लिए डे केयर सुविधा शुरू हो।