19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

jammu kashmir : जेल में बंद सांसद के समर्थन में भूख हड़ताल करने की नहीं मिली अनुमति

jammu kashmir : जेल में बंद सांसद राशिद को संसद के बजट सत्र में शामिल होने की अनुमति नहीं मिल पा रही है। इसके चलते सांसद में जेल में ही भूख हड़ताल शुरू कर दी है जबकि उनके समर्थन में एआईपी को भूख हड़ताल करने की अनुमति नहीं मिली।

2 min read
Google source verification
jammu kashmir

जेल में बंद सांसद शेख अब्दुल रशीद

jammu kashmir : श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर (jammu kashmir) प्रशासन ने जेल में बंद सांसद शेख अब्दुल रशीद के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए शुक्रवार को यहां भूख हड़ताल करने की अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) की कोशिश को नाकाम कर दिया। इससे पहले प्रशासन ने पार्टी को शहर के केंद्र में प्रताप पार्क में एक दिन की भूख हड़ताल करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। बाद में एआईपी नेताओं ने कार्यक्रम को सेंगरमल कॉम्प्लेक्स स्थित अपने पार्टी कार्यालय में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया। विधायक एवं इंजीनियर राशिद के भाई शेख खुर्शीद ने कहा कि हमें अपने कार्यालय में भूख हड़ताल करने की भी अनुमति नहीं दी गई। पुलिस ने हमारे कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। खुर्शीद ने कहा कि इंजीनियर साहब ने तिहाड़ जेल में भूख हड़ताल शुरू कर दी है और हमारे कई कार्यकर्ता उनके साथ एकजुटता दिखाने के लिए एकत्र हुए हैं, हालांकि हमें ऐसा करने से रोक दिया गया।

jammu kashmir : राशिद ने शुरू की अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल

प्रदर्शनकारी सांसद राशिद की रिहाई की मांग कर रहे थे, जिन्हें अगस्त 2019 में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार किया गया था। एआईपी के अनुसार शुक्रवार से शुरू हुए संसद के बजट सत्र में भाग लेने की अनुमति नहीं दिए जाने के विरोध में राशिद ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखे पत्र में रशीद ने हड़ताल शुरू करने का अपना इरादा बताते हुए कहा कि मैं सभी को यह याद दिलाने के लिए 31 जनवरी से भूख हड़ताल पर जाऊंगा कि मेरे लोगों को अब उनके वैध राजनीतिक अधिकारों से वंचित नहीं किया जा सकता है। संसद के अंदर और बाहर।

jammu kashmir : विरोध की अनुमति न देने की निंदा की

राशिद ने 2024 के लोकसभा चुनाव में बारामूला निर्वाचन क्षेत्र से नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के प्रमुख सज्जाद लोन को हराया था। इस बीच पीपुल्स कॉन्फ्रेंस प्रमुख लोन ने विरोध की अनुमति न देने की निंदा की और कहा कि शांतिपूर्ण असहमति एक अधिकार है, दान नहीं।

शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी

लोन ने कहा कि एआईपी के साथ हमारे राजनीतिक मतभेदों के बावजूद, हम विरोध करने के उनके अधिकार का बचाव करते हैं। उन्हें शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी गई है। जम्मू और कश्मीर में नागरिक शांतिपूर्ण असहमति को दबाने का इतिहास रहा है और वह बहुत महंगा साबित हुआ। आइए आशा करें कि हम अतीत की गलतियों से सीखेंगे और शांतिपूर्ण असहमति या विरोध के लिए एक सम्मानजनक स्थान बनाएंगे।