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कश्मीर में All is Well पर इस शर्त पर ही मिलेगा इंटरनेट

Kashmir: कश्मीर घाटी (Kashmir Valley) में हालात सामान्य होने के साथ प्रशासन ने अब इंटरनेट सेवा बहाली की ओर कदम बढ़ा दिया (Internet service has moved towards restoration) है। पहले चरण में सशर्त ब्रॉडबैंड सेवाएं बहाल करने की तैयारी (Preparation to restore conditional broadband services) पूरी है। सरकारी और निजी संस्थानों के आवेदनों की पुलिस जांच के बाद ही सशर्त इंटरनेट सेवा उपलब्ध करवा दी जाएगी।

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जम्मू

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arun Kumar

Nov 20, 2019

कश्मीर में All is Well पर इस शर्त पर ही मिलेगा इंटरनेट

कश्मीर में All is Well पर इस शर्त पर ही मिलेगा इंटरनेट

लिखकर देना होगा कि वाई-फाई इस्तेमाल नहीं होगा

जम्मू

कश्मीर घाटी में हालात सामान्य होने के साथ प्रशासन ने अब इंटरनेट सेवा बहाली की ओर कदम बढ़ा दिया है। पहले चरण में सशर्त ब्रॉडबैंड सेवाएं बहाल करने की तैयारी पूरी है। सरकारी और निजी संस्थानों के आवेदनों की पुलिस जांच के बाद ही सशर्त इंटरनेट सेवा उपलब्ध करवा दी जाएगी। इच्छुक संस्थानों को लिखकर देना होगा कि इंटरनेट के दुरुपयोग के लिए वह जिम्मेदार होंगे और सिर्फ एक ही टर्मिनल (आइपी एड्रेस) पर यह सुविधा मिलेगी। पुलिस की हरी झंडी के बाद ही संस्थान को इंटरनेट की सुविधा मिलेगी। गौरतलब है कि राज्य के पुनर्गठन से पूर्व ही जम्मू कश्मीर में इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया था। तब से कश्मीर में इंटरनेट सेवा बंद है।

छात्रों, व्यापारियों और शिक्षण संस्थानों को राहत

निश्चित तौर पर इंटरनेट सेवाएं बहाल होने से छात्रों, व्यापारियों और निजी क्षेत्र के संस्थानों को बड़ी राहत मिलेगी। संबधित अधिकारियों ने बताया कि पहले चरण में सरकारी कार्यालयों और निजी क्षेत्र के खास संस्थानों में ब्राडबैंड इंटरनेट उपलब्ध कराने का फैसला किया गया है। अलबत्ता, यह सुविधा सशर्त मिलेगी। उन्होंने बताया कि पुलिस जांच और सुरक्षा एजेंसियों की हरी झंडी मिलने के बाद ही संबधित संस्थान में यह सुविधा बहाल की जाएगी। संस्थान को लिखकर देना होगा कि इससे वाईफाई का इस्तेमाल नहीं होगा और एक ही टर्मिनल पर इंटरनेट उपलब्ध रहेगा। किसी भी प्रकार की सीडी, डीवीडी या यूएसबी पोर्ट का इस्तेमाल नहीं होगा। इसके अलावा कोई इनक्रिप्टिड (गुप्त) संदेश, वीडियो और तस्वीर अपलोड नहीं की जाएगी।

दुरुपयोग पर संस्थान अधिकारी होंगे जिम्मेदार

संस्थान को लिखकर देना होगा कि इस नेटवर्क पर वीपीएन (वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क) का भी इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। किसी भी प्रकार के दुरुपयोग के लिए संस्थान और संस्थान का वरिष्ठ अधिकारी जिम्मेदार होगा। साथ ही सुरक्षाबलों को जब भी आवश्यक्ता होगी कंपनी अपने कंप्यूटर, लैपटाप व कंटेंट जांच के लिए उपलब्ध कराएगी। राज्य सरकार प्रीपेड फोन सेवा को पोस्टपेड में बदलने के आवेदनों के ढेर के बाद अति सतर्क है और पुलिस जांच के बिना किसी का फोन पोस्टपेड में नहीं बदलने के आदेश दिए गए हैं। वादी में पोस्टपेड फोन सेवा बहाल होने के बाद प्रीपेड मोबाइल सिम धारक उसे पोस्टपेड में बदलने के लगातार आग्रह कर रहे हैं। कई विघटनकारी तत्व प्रीपेड सिम का ही इस्तेमाल करते रहे हैं। ऐसे में सुरक्षा एजेंसियां अति सतर्क हैं।

कुछ विदेशी चैनलों पर रहेगी रोक

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कश्मीर में सभी केबल ऑपरेटरों को पाकिस्तान के बाद अब मलेशिया, ईरान, सऊदी अरब के टीवी चैनलों का प्रसारण बंद करने के लिए कहा है। केबल ऑपरेटरों को केबल टेलीविजन नेटवर्क रेग्युलेशन एक्ट 1995 का अनुपालन सुनिश्चित बनाने को कहा गया है। हालांकि वादी में मलेशिया के किसी चैनल का प्रसारण नहीं हो रहा है, लेकिन ईरान स्थित सहर और सऊदी अरब के अल अरबिया चैनल का प्रसारण किया जा रहा है। पाकिस्तानी चैनल पहले से ही बंद हैं। जम्मू संभाग में ब्राडबैंड सेवा को पहले ही बहाल किया जा चुका है।