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चार साल में आधी भी नहीं बनी 456 करोड़ की बायपास सड़क

पुल पुलिया का विवाद ही नहीं सुलझा

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पुल पुलिया का विवाद ही नहीं सुलझा

पुल पुलिया का विवाद ही नहीं सुलझा

जांजगीर-चांपा. मुंबई -हावड़ा रूट की भारी भरकम वाहनें जिला मुख्यालय के बीच शहर से गुजरती है। भारी वाहनों के चलते लोग आए दिन दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं। जिला मुख्यालय के इस विकराल समस्या को देखते हुए जिलेवासियों की मांग को देखते चार साल पहले सरकार ने बायपास सड़क की स्वीकृति दी है। 456 करोड़ का निर्माण चार साल पहले शुरू हुआ है।

ठेकेदार ने काम तो शुरू कर दिया लेकिन अब तक काम 50 फीसदी भी पूरा नहीं हो पाया है। सपाट सड़कें तो बनाई जा रही है लेकिन पुल पुलिया का विवाद ही नहीं सुलझा है तो सड़क निर्माण की उम्मीद बेमानी साबित हो रहा है। अभी भी दर्जनों पुल निर्माण अधूरा पड़ा है। जिससे इस सड़क मार्ग में एक से दो किलोमीटर की यात्री पूरी नहीं किया जा सकता। क्योंकि बीच -बीच में सड़क निर्माण का कार्य अधूरा पड़ा है। जहां -जहां विवाद की स्थिति है वहां -वहां की सड़क अधूरी पड़ी है।

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सकरेली आरओबी का काम अभी शुरू नहीं
बाराद्वार के सकरेली के पास रेलवे फाटक में फुटओवर ब्रिज का निर्माण किया जाना है। आरओबी का निर्माण अभी शुरू भी नहीं हो पाई है। जिसके चलते अभी इस मार्ग में यात्रा पूरी करना यात्रियों के लिए फजीहत बनी रहेगी। इसी तरह कई इलाके में पुल मानक के अनुरूप नहीं बना पाया है। जिसके चलते विवाद बना हुआ है। पुल का पानी किसानों के खेतों की ओर समा रहा है। जिसके चलते फसल तबाह हो रही है। किसानों ने मामले की शिकायत ठेकेदार व एनएच के अधिकारियों से की है, लेकिन दोनों ही जिम्मेदार आंख में पट्टी बांधे बैठे हैं। जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है।


-एनएच बायपास सड़क निर्माण का कार्य ठेकेदार को मई 2019 तक पूरा करने कहा गया है। नीयत समय तक काम पूरा होने की उम्मीद दिखाई नहीं दे रही है। काम जल्दी पूरा करने के लिए ठेकेदार के उपर दबाव बनाया जा रहा है।
-विजय साहू, इंजीनियर, एनएच