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CG Impactful News : बिल्ला लगाने के एडीएम के आदेश पर भड़के कलेक्टर ने छीन लिया प्रभार

एजेंसी द्वारा घरों में बिल्ला लगाने के एवज में 30 से 50 रुपए तक वसूला गया है, जो अवैध है

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CG Impactful News : बिल्ला लगाने के एडीएम के आदेश पर भड़के कलेक्टर ने छीन लिया प्रभार

बिल्ला लगाने के एडीएम के आदेश पर भड़के कलेक्टर ने छीन लिया प्रभार

जांजगीर-चांपा. जिला प्रशासन की साख पर आंच पहुंचाने वाले अपर कलेक्टर के आदेश के चलते उन्हें अपने कई महत्वपूर्ण प्रभार से हाथ धोना पड़ा है। मालखरौदा क्षेत्र के गांवों के घरों में एडीएम के आदेश से बिल्ला लगाया जा रहा था, जो जिला प्रशासन के लिए गले की हड्डी साबित हो गया था। पत्रिका द्वारा मामले को प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था। साथ ही पत्रवार्ता में पत्रिका की ओर से पूछे गए प्रश्न पर कलेक्टर ने कहा भी था कि मामले की जांच की जा रही है और इसका जल्द निराकरण किया जा रहा है। सोमवार को जारी आदेश में अपर कलेक्टर का महत्वपूर्ण प्रभार छीनकर संयुक्त कलेक्टर को दे दिया गया है।

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जिला प्रशासन की ओर से जारी आदेश में अपर कलेक्टर डीके सिंह के पर कतर दिए गए हैं। पहले उनके पास विभाग के महत्वपूर्ण पद हुआ करते थे, लेकिन उनकी कार्यशैली पर लगातार उंगलियां उठती रही। इसी कड़ी में मालखरौदा विकासखंड के ग्राम पंचायतों में जाकर एक एजेंसी द्वारा घर-घर बिल्ला लगाया जा रहा था। इस खबर को पत्रिका द्वारा प्रमुखता से प्रकाशित किया गया। इस मामले में अपर कलेक्टर के आदेश का हवाला देते हुए मालखरौदा के जनपद सीईओ ने एक एजेंसी को कार्य का आवंटन किया था।

संबंधित एजेंसी द्वारा घरों में मकान नंबर संबंधित बिल्ला लगाया जा रहा था, जो खबर प्रकाशन के बाद से बंद हो गया। बताया जा रहा है कि एजेंसी द्वारा घरों में बिल्ला लगाने के एवज में ३० से ५० रुपए तक वसूला गया है, जो अवैध है। मामले को लेकर पत्रिका द्वारा लगातार खबर प्रकाशन के बाद कलेक्टर द्वारा ऐसा कोई आदेश जारी करने से इंकार किया गया था। इस बीच संबंधित एजेंसी द्वारा ग्रामीणों से लाखों रुपए की वसूली की जा चुकी थी। मामले को कलेक्टर नीरज बनसोड़ ने गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए थे।

जिला प्रशासन द्वारा मामले में जांच का खुलासा तो नहीं किया गया, लेकिन २७ मई को कलेक्टोरेट सभा कक्ष में आयोजित प्रेसवार्ता में पत्रिका के प्रश्न का जवाब देते हुए कलेक्टर ने मामले की जांच के बाद कार्रवाई की बात कही थी। इसी तारतम्य में सोमवार को जारी आदेश में अपर कलेक्टर डीके सिंह के प्रभार में जबरदस्त बदलाव कर दिया गया है। उनके द्वारा और भी कई मामलों में जारी आदेश को लेकर जिला प्रशासन कटघरे में खड़ा हो चुका है।

इन सब बातों को देखते हुए कलेक्टर ने उनसे महत्वपूर्ण विभागों को लेकर संयुक्त कलेक्टर को सौंप दिया है। वहीं इस संबंध में जिला प्रशासन के सूत्र बताते हैं कि मालखरौदा के लिए जारी आदेश के साथ एक और मामला सुर्खियों में रहा था, जिसको लेकर भी जल्द कार्रवाई की गई। बताया जा रहा है कि उक्त मामले में अपर कलेक्टर पर गंभीर आरोप लगे थे। लगातार दो मामलों में जिला प्रशासन की किरकिरी होते देख कलेक्टर को सख्त निर्णय लेना पड़ा। गौरतलब है कि अपर कलेक्टर राज्य प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी हैं और अपने सेवाकाल के अंतिम पड़ाव पर हैं।