
नशे में भी मिलावट: प्रीमियम अंग्रेजी शराब दुकान नैला में शराब में पानी मिलाते तीन कर्मचारी पकड़े गए
अब तक हम दूध में पानी मिलाने, महुआ या देसी शराब में पानी मिलाने की बातें सुनते आ रहे थे लेकिन यहां सरकार के सबसे मंहगी अंग्रेजी शराब दुकान में पानी मिलाने के मामले ने शराब के शैकीनों के होश गायब कर दिया है। दरअसल, मामला नैला के प्रिमियम अंग्रेजी शराब दुकान का है। जहां के कर्मचारी अंग्रेजी शराब में पानी मिलाकर बिक्री करते आ रहे थे। मुखबिर ने इसकी सूचना आबकारी अधिकारियों को दी थी। आबकारी अधिकारी ने इसे गंभीरता से लेते हुए गुरुवार की शाम को अचानक रात में छापेमारी करने पहुंच गए। शराब की क्वालिटी मापने का यंत्र (हाईड्रोमीटर-थर्मामीटर) में क्वालिटी मापा गया। जिसमें शराब में मिलावट होना पाया गया। इसके चलते प्रिमियम अंग्रेजी शराब दुकान के सुपरवाइजर प्रीतम सिंह, सेल्समेन अनिल राठौर एवं सुधीर कहरा को तत्काल प्रभाव से सेवा से पृथक कर दिया गया है। चूंकि मामला बेहद गंभीर माना जा रहा। क्योंकि सरकारी शराब दुकान में गड़बड़ी किसी भी सूरत में बर्दाश्त करने लायक नहीं माना गया। इसके चलते उन्हें सेवा से पृथक करने का आदेश दिया गया है।
आपराधिक प्रकरण भी होगा दर्ज
आबकारी अधिकारियों ने बताया कि प्रिमियम अंग्रेजी शराब दुकान में केवल ब्रांडेड कंपनी के महंगी शराब की बिक्री होती है। यहां एक हजार से 25 हजार रुपए तक की शराब मिलती है। यदि इतनी महंगी शराब में पानी मिला हो तो ग्राहकों के साथ बड़ी अन्याय की बात है। जिसे देखते हुए आबकारी अधिकारियों ने सुपरवाइजर प्रीतम सिंह, सेल्समेन अनिल राठौर एवं सुधीर कहरा के खिलाफ आबकारी अधिनियम की धारा 34-1 एवं धारा 38 के तहत जुर्म दर्ज किया है।
एक साल की सजा या एक लाख तक जुर्माने का प्रावधान
आबकारी अधिकारियों का कहना है कि आबकारी अधिनियम की धारा 34-1 एवं धारा 38 के तहत ऐसे आरोपियों को एक साल की सजा का प्रावधान है। तो वहीं एक लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है।
ऐसे मापा जाता है डेंसिटी
आबकारी अधिकारियों ने बताया कि शराब की शुद्धता को (हाईड्रोमीटर-थर्मामीटर) के माध्यम से मापा जाता है। जब शराब अमानक मिलता है तो थर्मामीटर एक निश्चित डिग्री से ऊपर आ जाता है। इससे शराब की सुद्धता सामने आ जाती है। इसके लिए एक सीलपैक बॉटल का इस्तेमाल किया जाता है।
ऐसे मिलाते हैं शराब में पानी
सूत्रों ने बताया कि अंग्रेजी शराब की अच्छे ब्रांडेड की शराब की बॉटल में सील बेहद कमजोर रहता है। जिससे जानकार आसानी से सील निकाल लेते हैं। शराब निकालने के बाद उसमें पानी मिलाकर फिर से सेम टू सेम पैक कर देते हैं। कई शराब प्रेमियों का मानना है कि अक्सर देखने को मिलता है कि कई शराब की बोतलों में बहुत कम नशा चढ़ता है। इससे साफ जाहिर होता है कि उसमें पानी मिला है।
नैला के प्रिमियम अंग्रेजी शराब दुकान में मिलावट का केस सामने आया है। इसके चलते एक सुपरवाइजर समेत दो सेल्समेन के खिलाफ आबकारी अधिनियम की कार्रवाई की गई है। इन्हें सेवा से भी पृथक किया गया है।
-युवरेश कुमार, सब इंस्पेक्टर आबकारी जांजगीर वृत्त
Published on:
24 Feb 2024 09:52 pm
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