
यहां महिलाएं आत्मविश्वास व सम्मान के साथ सीख रहीं जीना, संस्थान के केस वर्कर पीडि़त महिलाओं की समस्याओं की तह तक जाकर सुलझाती हैं समस्याएं
जांजगीर-चांपा. महिलाओं को उनके गौरव के साथ पुनर्जीवन के लिए प्रेरित कर सखी वन स्टाप सेंटर अपनी उपयोगिता साबित कर रही है। सेंटर संचालन के 15 महीनों में 257 मामलों में से 100 से अधिक महिलाएं सम्मान का जीवन जी रही है। वहीं 48 मामलों में कानूनी सलाह व सहायता प्रदान की गई है।
शासन की कई योजनाएं हैं, जिसमें महिलाओं की सुरक्षा व अन्य मामलों में संरक्षण मिलता है, लेकिन मैदानी स्तर पर लचर कार्यप्रणाली के चलते महिलाओं को सही लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस स्थिति में सेंटर की कार्य शैली एक अनुुकरणीय पहल मानी जा रही है। सखी वन स्टाप सेंटर वैसे तो महिलाओं को काउंसिलिंग कर उनकी समस्याओं तक पहुंचने और उसे सुलझाने के उद्देश्य से स्थापित किया गया है।
सेंटर में पहुंचने वाली महिलाओं को 5-7 दिनों तक सहारा देने की व्यवस्था की गई है, जिसमें उनके लिए खाना, रहना और कपड़े तक की व्यवस्था शामिल है। जिला मुख्यालय जांजगीर के रामकृष्ण नगर केरा रोड में संचालित सखी सेंटर में ११ लोगों का स्टाफ है, जिसमें केंद्र प्रशासक बतौर एच निशा खान, परामर्शदाता सरस्वती सोनी, केस वर्कर श्वेता चतुर्वेदी, सुषमा चंदेल, आरती कश्यप, रोशनी पांडेय, आईटी वर्कर रश्मि सिंगसर्वा, बहुउद्देशीय कार्यकर्ता राजकुमारी बघेल, गंगोत्री सूर्यवंशी तथा राधिका कुर्रे कार्यरत हैं।
संस्थान के केस वर्कर पीडि़त महिलाओं की समस्याओं की तह तक पहुंचकर सुलझाने का कार्य करती है। वहीं जिन महिलाओं को काउंसिलिंग की आवश्यकता पड़ती है, उन्हें व परिवार के सदस्यों को परामर्शदाता द्वारा सहयोग प्रदान किया जाता है। यहां के स्टाफ ने बताया कि उनके पास पहुंचने वाले केसेस में ज्यादातर महिलाएं मानसिक अवसाद की स्थिति में पहुंच चुकी होती है, जिन्हें बड़े मनोयोग से सम्हालना पड़ता है। साथ मेंं रखकर ढाढस बंधाते हुए मामले की पूरी जानकारी लेते हुए समस्या का निदान खोजा जाता है। केंद्र सरकार के महिला व बाल विकास विभाग से जिले की सखी सेंटर को कार्यशाला के दौरान उत्कृष्ठता के लिए मंत्री मेनका गांधी से प्रशंसा मिल चुकी है।
सूचना तकनीक से सुसज्जित सेंटर
जिले की सखी वन स्टाप सेंटर सूचना तकनीक से सुसज्जित हैं और यहां नि:शुल्क हेल्पलाइन नंबर १८१ से पूरे २४ घंटे में कभी भी संपर्क किया जा सकता है। साथ ही इंटरनेट के माध्यम से भी सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जा सकता है।
-सखी सेंटर में आने वाली महिलाओं की समस्या की तह तक पहुंचा जाता है, जिससे उसका सर्वमान्य निदान निकाला जा सके। यहां से सहयोग लेकर गई महिलाएं लगातार संपर्क में हैं और बेहतर जीवन जी रही है। महिला बाल विकास का सहयोग व मार्गदर्शन मिल रहा है।
एच निशा खान, केंद्र प्रशासक
Published on:
12 Jun 2018 02:53 pm
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