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नहर की धार हुई कम सूखने लगे खेत किसानों को सताने लगी फसल खराब होने की चिंता

जल संसाधन विभाग की लापरवाही से परेशान हुए किसान

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जल संसाधन विभाग की लापरवाही से परेशान हुए किसान

जल संसाधन विभाग की लापरवाही से परेशान हुए किसान

जांजगीर-चांपा. जैजैपुर क्षेत्र के किसान इन दिनों नहर में कम पानी आने से चिंतित हैं और ऐसे में उन्हें अपनी खेतो में लगे धान की फसल पानी की अभाव में ख़राब होने की चिंता सताने लगी है। लेकिन जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को किसानों की चिंता से कोई सरोकार नहीं है। यही वजह है की नहरों की धार बढ़ाने के लिए विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे है। ज्ञात हो की लगातार हो रही बरसात से किसानों के चेहरे खिले हुए थे, लेकिन अचानक बरसात थम जाने से क्षेत्र के किसान नहर की पानी से खेतों की सिंचाई के लिए निर्भर है।

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लेकिन नहर की धार कम होने के कारण से किसानों की खेतो तक पानी पहुँच नहीं पा रही है। जिसके चलते खेत सूखने लगे हैं, तो वही पानी के अभाव में किसानों को अब सिचाई के लिए चिंता सताने लगी है। जिसमे सबसे ज्यादा हरेठीकला,घोडाडिपा,जर्वे,गाड़ामोर,परसाडीह,सेन्द्री,अरसिया,भातमहुल, सहित क्षेत्र के दर्जनों गांव के किसान चिंतित हैं। और समय रहते जल संसाधन विभाग के द्वारा नहरों में पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं छोड़ा गया तो खेतो में लगे फसल सुख जायेंगे।

सूखे खेत देख सताने लगी है चिंता

क्षेत्र के अधिकांश लोग खेती किसानी पर ही निर्भर और आश्रित है। जहां लोगों का आय का एक मात्र साधन खेती किसानी से होने वाली आय ही है। और बारिश नहीं होने के साथ ही नहरों में पर्याप्त पानी नहीं मिलने से किसानों माथे पर चिंता की लकीर खिंच गई है। किसान अब नहर की धार बढ़ने की आस लगाए बैठे है जिससे उनके खेतों तक पानी पहुँच सके। अब देखना होगा जल संसाधन विभाग के अधिकारी किसानों की समस्या पर कब ध्यान देते है।

जनसंपर्क में नेता लेकिन किसानों का ध्यान नहीं

राज्य में होने वाली विधानसभा चुनावों के मद्देनजर विभिन्न पार्टियों के नेता लगातार क्षेत्र का दौरा कर अपनी अपनी वाहवाही लूटने कोई कसर नहीं छोड़ रहे है। और स्वयं को जनहितैषी बताने में भी कोई कसर नहीं छोड़ रहे है। लेकिन इन सब के बीच नेतागण तो अपनी छवि चमकाने में ही लगे हुवे है और उन्हें आम किसानों की समस्याओं से भी कोई सरोकार नहीं है। जिससे क्षेत्र के किसान भी आगामी चुनाव में नेताओं को सबक सिखाने की बात कह रहे है। जो क्षेत्र के किसानों की तकलीफ समस्या को ध्यान नहीं दे रहे है।

-बांध से ही कम पानी छोड़ी जा रही है, जिसके चलते अंतिम छोर तक पानी नहीं पहुँच पा रही है।पानी की मात्रा बढ़ाने अधिकारियों को बोलेंगे।

-आर एन सिंह, एसडीओ जल संसाधन विभाग सक्ती