इसके कारण उनका पूरा दिन बर्बाद हो गया। आखिरकार शिक्षक भड़क उठे और मूल्यांकन केंद्र प्रभारी को खरी-खोटी सुनाई। दोपहर दो बजे तक मूल्यांकन केंद्र प्रभारी ने जैसे-तैसे व्यवस्था बनाई और दो बजे के बाद मूल्यांकन कार्य शुरू हो सका।
गौरतलब है कि बोर्ड की कक्षा बारहवीं के छह विषयों की उत्तरपुस्तिका जंचने के बाद मंगलवार को कक्षा दसवीं का पेपर जंचना है। इसके लिए बोर्ड ने जांजगीर मूल्यांकन केंद्र में 86 हजार उत्तरपुस्तिका भेजी है। कक्षा दसवीं के उत्तरपुस्तिका का मंगलवार से मूल्यांकन होना था। इसके लिए जिले के हजारों शिक्षकों को मूल्यांकन केंद्र बुला लिया गया, लेकिन मूल्यांकन केंद्र में कमरे सहित फर्नीचर की व्यवस्था नहीं बनाई गई थी।
हजारों शिक्षकों को मूल्यांकन के लिए भवन के अंदर प्रवेश दे दिया गया था, लेकिन कमरे व फर्नीचर की व्यवस्था नहीं होने से शिक्षकों को चार घंटे तक भटकना पड़ गया था। शिक्षकों ने मूल्यांकन केंद्र प्रभारी पर जमकर अपनी भड़ास निकाली। वहीं मूल्यांकन केंद्र प्रभारी का कहना था कि मूल्यांकन केंद्र में अव्यवस्था को लेकर अधिकारियों को बता दिया गया है, लेकिन अधिकारी अपनी जिद में अड़े हैं। यहां व्यवस्था बनाने के बजाए अधिकारी कुछ सुनने को राजी नहीं हो रहे हैं, जिसके चलते यहां परेशानी बदस्तूर जारी है।
केंद्र बदलने के प्रस्ताव को नहीं मिली हरी झंडी
मूल्यांकन केंद्र हाईस्कूल नंबर वन में पहले से मरम्मत कार्य चल रहा है। भवन के छप्पर को उखाड़कर नए सिरे से कायाकल्प किया जा रहा है। स्कूल के 50 फीसदी हिस्से में काम चल रहा है। मूल्यांकन के लिए कम से कम 12 कमरों की आवश्यकता है, लेकिन मात्र 8 कमरे हैं। जिसके चलते मूल्यांकन कार्य यहां संभव ही नहीं था। इस बात की जानकारी बोर्ड को दी गई थी। इसके बाद भी बोर्ड ने अन्य स्कूल में मूल्यांकन केंद्र बनाने के लिए राजी नहीं हुआ। जिसके चलते अब परेशानी हो रही है।
मूल्यांकन केंद्र में मंगलवार को भवन व फर्नीचर सहित कुछ परेशानी हुई। इसके चलते शिक्षक नाराज चल रहे थे। मूल्यांकन कार्य में कुछ देरी हुई। डेढ़ बजे के बाद व्यवस्था बना ली गई- चंद्रकुमार राठौर, केंद्राध्यक्ष मूल्यांकन केंद्र