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दो डीईओ के बीच कुर्सी के लिए घमासान, एक ने धौंस दिखाते दफ्तर में जड़ दिया ताला, पढि़ए क्या है माजरा…

- दफ्तर में दो-दो डीईओ होने से कर्मचारी उहापोह में हैं

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दो डीईओ के बीच कुर्सी के लिए घमासान, एक ने धौंस दिखाते दफ्तर में जड़ दिया ताला, पढि़ए क्या है माजरा...

दो डीईओ के बीच कुर्सी के लिए घमासान, दोनों एक-दूसरे से कह रहे मैं हूं डीईओ, मैं हूं डीईओ, एक ने धौंस दिखाते दफ्तर में जड़ दिया ताला, पढि़ए क्या है माजरा...

जांजगीर-चांपा. जांजगीर डीईओ आफिस में दो-दो डीईओ पदस्थ हो गए हैं। दोनों आपस में दावा कर रहे हैं कि जिले का डीईओ मैं ही हूं। दरअसल एक डीईओ के स्थानांतरण होने के बाद दूसरा स्टे के लिए हाईकोर्ट चला गया। कोर्ट ने स्टे भी दे दिया, लेकिन वर्तमान डीईओ के पास किसी तरह का आदेश नहीं आया है कि उनके स्थान पर निवर्तमान जबकि कोर्ट से स्टे लाए डीईओ के आदेश में यह स्पष्ट नहीं है कि उनकी पदस्थापना कहीं अन्यत्र की गई है। जबकि वह दावा कर रहा है कि मेरी ही यहां ही नियुक्ति हुई है। दोनों आपस में झगड़ रहे हैं और कुर्सी की लड़ाई चल रही है।

आखिरकार गुरुवार को निवर्तमान डीईओ ने दफ्तर में ताला जड़ दिया। इतना ही नहीं दफ्तर के बाहर नेम प्लेट में भी अपना नाम चस्पा कर लिया। हालांकि गुरुवार को दोनों डीईओ रायपुर मीटिंग में चले गए हैं, इसके कारण दोनों का विवाद खुलकर सामने नहीं आया है। शुक्रवार को इस संबंध में कार्रवाई आगे बढ़ सकती है।

गौरतलब है कि पखवाड़े भर पहले जांजगीर के डीईओ डीके कौशिक का तबादला बस्तर जिले में हो गया। उनके स्थान पर डीईओ केएस तोमर की यहां नियुक्ति हुई। डीइओ तोमर ने यहां विधिवत ज्वाइन कर ली। बाकायदा डीईओ डीके कौशिक ने उन्हें चार्ज भी दे दिया। चार्ज देने के बाद डीईओ डीके कौशिक हाईकोर्ट चले गए।

कौशिक ने प्रशासनिक खामियों का हवाला देते हुए अल्प अवधि में ही स्थानांतरण होना बताया था। जिसके चलते कोर्ट ने कौशिक को स्टे दे दिया। कोर्ट ने कौशिक को स्टे तो दिया लेकिन उनकी पदस्थापना को लेकर स्पष्ट अभिमत नहीं दिया है, लेकिन डीईओ यह कहकर पुन: जांजगीर डीईओ दफ्तर ज्वाइन कर रहें कि उनका स्थानांतरण रुक गया। जबकि डीईओ केएस तोमर के पास इस तरह का कोई आदेश नहीं आया है। जिसके चलते डीईओ आफिस में दोनों डीईओ काम कर रहे हैं।

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हद तो तब हो गई जब गुरुवार को पूर्व डीईओ कौशिक ने डीईओ कार्यालय में ताला जड़ दिया और अपना नेम प्लेट लगा दिया। जिससे दोनों में विवाद गहरा गया है। हालांकि गुरुवार को रायपुर में मीटिंग होने के कारण दोनों के बीच विवाद उभरकर सामने नहीं आया है, लेकिन आने वाले दिनों में घमासान होने से इनकार नहीं किया जा सकता।

दफ्तर के कर्मचारी उहापोह में
दफ्तर में दो-दो डीईओ होने से कर्मचारी उहापोह में हैं। हालांकि वित्तीय पावर तोमर के पास ही है, लेकिन दस्तखत का कामकाज तोमर ही निपटा रहे हैं। वहीं डीईओ आफिस में ही पूर्व डीईओ कौशिक का भी बैठना हो रहा है, जिसके चलते कर्मचारियों के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

- आफिस में दो-दो डीईओ पदस्थ हैं। गुरुवार को दफ्तर में ताला लटका है। इस संबंध में मेरा कुछ बोलना उचित नहीं होगा। दोनों के नहीं होने पर प्रभार में मैं ही हूं - जितेंद्र बावड़े, प्रभारी डीईओ