
जांजगीर-चांपा. जिला मुख्यालय में मीटर की रीडिंग नोट नहीं की जा रही है। उपभाक्ताओं को बिना रीडिंग के ही मनमाना बिल थमाया जा रहा है। इससे उपभाक्ताओं बिल में संसोधन के लिए हर महीने बिजली ऑफिस में लाइन पर खड़ा होना पड़ रहा है। इस बात को लेकर उपभोक्ताओं में काफी रोष है। उनका कहना है कि मीटर की रीडिंग समय पर होनी चाहिए। अधिक दिन में मीटर रीडिंग होने से उनका बिल बढ़कर आ रहा है, बिजली बिजली देखने के साथ ही उपभोक्ताओं का बीपी हाई हो जा रहा है।
जिला मुख्यालय में विद्युत वितरण कंपनी के तमाम अधिकारी बैठे हैं, लेकिन उनका कर्मचारियों व ठेका कंपनी पर कोई लगाम नहीं है। इस लापरवाही से उपभाक्ताओं को परेशान होना पड़ रहा है। जिला मुख्यालय में १२ हजार से अधिक विद्युत उपभोक्ता हैं। इतने घरों में मीटर रीडिंग के लिए विभाग में ठेके में एक कंपनी को कार्य सौंपा है।
ठेका कंपनी के कर्मचारी अधिकारियों के लचर रवैय्ये के चलते बेमन काम करते हैं। जिसका खामियाजा उपभाक्ताओं को भुगतना पड़ता है। इन दिनों बिना रीडिंग किए उपभाक्ताओं को बिल थमा दिया जा रहा है। मीटर की रीडिंग नहीं होने से कई उपभाक्ताओं को भारी भरकम बिल मिल जाता है तो किसी को बेहद कम बिजली बिल दिया जाता है। इससे कम बिजली बिल वाला उपभोक्ता इस बात से परेशान रहता है कि अलगे महीने उसे अधिक बिल थमा दिया जाएगा, तो अधिक बिल वाले उपभोक्ता का पूरा बजट ही चरमरा जाता है। इससे दोनों ही तरह के उपभोक्ता बिजली विभाग के दफ्तर के चक्कर काटने को मजबूर हैं।
दफ्तर में आए दिन हो रहा हंगामा
बिजली बिल में विवाद के चलते आए दिन दफ्तर में उपभाक्ताओं की खासी भीड़ रहती है। कई उपभोक्ता बिल सुधरवाने के लिए बाबुओं पर दबाव बनाते हैं। जिससे आए दिन विवाद होता रहता है। कई उपभोक्ता मारपीट तक में आमादा हो जाते हैं। जिसके चलते आफिस में बल की मांग की जाती है। रंजिश के चलते बाबुओं पर भी बेहद दबाव रहता है। जिससे चलते काम काम प्रभावित होता है। अक्सर बिजली बिल जमा होने के दिन में इस तरह का विवाद होता है।
Published on:
25 Dec 2017 01:42 pm
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