7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मरीज की तबियत बिगड़ी तो स्वास्थ्यकर्मी ने ही दिया खून, बचा ली जान

जिला अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रही मोना कुमारी। उसे पीलिया की गंभीर बीमारी थी। उसके शरीर में मात्र दो ग्राम ब्लड थे।

less than 1 minute read
Google source verification

image

Piyushkant Chaturvedi

Aug 02, 2017

The health of the patient worsened, the health wor

The health of the patient worsened, the health worker gave the blood

जांजगीर-चांपा.
जिला अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रही मोना कुमारी। उसे पीलिया की गंभीर बीमारी थी। उसके शरीर में मात्र दो ग्राम ब्लड थे।


ऐसे वक्त में उसे जब डोनर नहीं मिल रहे थे तब जिला अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मी (वार्ड ब्वाय) केके कश्यप ने रक्तदान कर मोना की जान बचाकर मिशाल पेश की है।


केके कश्यप ने बताया कि मोना बेहद गंभीर अवस्था में थी। उसे उसकी हालत देखा नहीं गया और तत्काल ब्लड देकर उसकी जान बचाना अपना फर्ज समझा। उसके इस दरियादिली से जिला अस्पताल के कर्मचारियों ने खुलकर प्रशंसा की है। गौरतलब है कि मोना को पीलिया की बीमारी थी।


वह पिछले तीन दिनों से ब्लड डोनेट करने वालों की तलाश कर रही थी। जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में उसके ग्रुप का ब्लड भी नहीं था। जिसके चलते केके कश्यप को सामने आना पड़ा।


10 बार दे चुके ब्लड
- केके कश्यप ने बताया कि ऐसा उसने पहली बार नहीं बल्कि दसवीं बार सेवा भावना का परिचय दिया है। उसने बताया कि जिला अस्पताल में जब भी बेहद गंभीर किस्म के मरीज भर्ती होते हैं और उसे ब्लड की जरूरत पड़ती है वे दौड़े चले आते हैं और जरूरतमंदों को ब्लड दे देते हैं।


सबसे अधिक एनीमिक पेशेंट
- केके कश्यप ने बताया कि जिला अस्पताल में सबसे अधिक एनीमिक पेशेंट गर्भवति महिलाएं भर्ती होते हैं। उसे जचकी के समय ब्लड की जरूरत पड़ती है, तब वे ब्लड देने में तनिक भी कोताही नहीं बरतते। उन्होंने बताया कि वह उम्र भर ब्लड देेने कोताही नहीं बरतेंगे।

ये भी पढ़ें

image