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कृष्णा इंडस्ट्रीज में मजदूरों का शोषण, जिला पंचायत सदस्य ने खोला मोर्चा

प्लांट में सुरक्षा के मानकों का भी नहीं हो रहा पालन

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कृष्णा इंडस्ट्रीज में मजदूरों का शोषण, जिला पंचायत सदस्य ने खोला मोर्चा

कृष्णा इंडस्ट्रीज में मजदूरों का शोषण, जिला पंचायत सदस्य ने खोला मोर्चा

जांजगीर-चांपा. ग्राम पंचायत जाटज्ञ के आश्रित ग्राम जाटा एवं बहेराडीह में संचालित कृष्णा इंडस्ट्रीज में एवं राणी सती इंडस्ट्रीज में श्रमिकों का शोषण किया जा रहा है। इस आशय की शिकायत नव निर्वाचित जिला पंचायत सदस्य उमा राजेंद्र राठौर ने जिला श्रम अधिकारी से की है। अपनी शिकायत में उन्होंने कहा है कि यहां के प्लांट में कार्यरत महिला श्रमिकों को एक सौ बीस रुपए दिया जाता है। तो वहीं पुरूष श्रमिकों को एक सौ पचास रुपए दिया जाता है। जबकि शासन के द्वारा निर्धारित दर एक सौ छिहत्तर रुपए है। वहीं कुशल श्रमिकों को दो सौ बीस रुपए दिया जाना है। लेकिन यहां के कृष्णा इंडस्ट्रीज के संचालकों द्वारा मजदूरों से शोषण किया जा रहा है। इतना ही नहीं श्रमिकों के लिए सुरक्षा के मानकों एवं चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। साथ ही इस कंपनी में सिलकोसिस रोग से बचाव से संबंधित चिकित्सा उपाय भी नहीं किया जा रहा है। जिसके चलते आए दिन यहां के मजदूरों की सिलकोसिस नामक बीमारी से मौत हो रही है। कंपनी के कारगुजारियों की शिकायत आए दिन प्रशासन से की जाती है इसके बाद भी प्रशासन आंख मूंदे बैठे रहती है। कंपनी प्रबंधन के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जाती। जिसके चलते यहां के मजदूरों में रोष व्याप्त है।

मजदूरों की नहीं रखते रिकार्ड
शिकायत कर्ता जिपं सदस्य राठौर ने बताया कि यहां कार्यरत मजदूरों का रिकार्ड नहीं रखा जाता। ऐसा इसलिए किया जाता है कि कभी भी दुर्घटना होने के बाद मजदूरों को मुआवजा देना न पड़े। दरअसल आए दिन यहां दुर्घटना होते रहती है। जिसके चलते प्लांट प्रबंधन यह चाहती है कि मजदूरों का रिकार्ड ही नहीं रहेगा तो मुआवजे का सवाल ही नहीं उठता। फिलहाल जिलापंचायत सदस्य ने श्रमिकों के हितों के लिए मोर्चा खोल दिया है। जिपं सदस्य का कहना है कि यदि प्लांट में श्रमिकों के हितों में कार्य नहीं होगा तो उग्र आंदोलन करने बाध्य होंगे। जिसकी समस्त जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।