scriptनैला दुर्गोत्सव: 110 फीट ऊंचे अक्षरधाम मंदिर में स्वर्ण कमल पर विराजेंगी मां दुर्गा | Maa Durga will sit on the golden lotus in the 110 feet high Akshardham | Patrika News

नैला दुर्गोत्सव: 110 फीट ऊंचे अक्षरधाम मंदिर में स्वर्ण कमल पर विराजेंगी मां दुर्गा

locationजांजगीर चंपाPublished: Sep 06, 2022 09:03:36 pm

Submitted by:

Anand Namdeo

कोविड के चलते दो साल नैला दुर्गोत्सव को भव्य रुप से नहीं मनाया जा सका लेकिन इस बार फिर से नैला दुर्गोत्सव को पूर्व की तरह ही भव्य और विशाल रुप से मनाने की तैयारी शुरु हो चुकी है। दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर की तरह ही यहां 110 फीट ऊंचा भव्य प्रवेश द्वार बनेगा।

नैला दुर्गोत्सव: 110 फीट ऊंचे अक्षरधाम मंदिर में स्वर्ण कमल पर विराजेंगी मां दुर्गा

नैला दुर्गोत्सव: 110 फीट ऊंचे अक्षरधाम मंदिर में स्वर्ण कमल पर विराजेंगी मां दुर्गा

जांजगीर-चांपा. विशाल पंडाल में हीरे-मोती और रत्नों से जडि़त ३५ फीट ऊंची मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। इस बार प्रमुख आकर्षक स्वर्ण कमल होगा जिसमें मां दुर्गा विराजमान रहेगी। वहीं सिर पर चांदी की छत्र बनाई जाएगी। करीब २० फीट व्यास वाले चांदी से रजत छत्र के नीचे स्वर्ण कमल में मां दुर्गा विराजमान रहेंगी। गौरतलब है कि नैला स्टेशन की मां दुर्गा की प्रतिमा हर साल अपने आप में तारीफे काबिल होती है। चाहे हीरे-मोती और नवरत्नों से जडि़त प्रतिमा हो या 50, 200, 500 एवं 2000 रुपए के नए नोटों से सुसज्जित मां दुर्गा की मूर्ति। इस बार भी श्रीश्री दुर्गा पूजा उत्सव सेवा समिति का दुर्गोत्सव जिला और प्रदेश ही नहीं बल्कि देेशभर में चर्चित होगा। समिति के अध्यक्ष राजेश पालीवाल ने बताया कि मां दुर्गा की प्रतिमा सोने से तैयार स्वर्ण कमल में विराजमान रहेगी। करीब ४० फीट व्यास वाला कमल का फूल बनेगा जिसमें सोने की परत चढ़ेगी। चांदी ऊपर २० फीट ब्यास वाला चांदी की छत्र बनाई जाएगी। स्वर्ण कमल बनाने के लिए बंगाल के कारीगरों से चर्चा चल रही है। सब कुछ सही रहा तो स्वर्ण कमल पर मां दुर्गा विराजमान होगी। वहीं प्रवेश द्वार को दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर की तरह होगा। जिसकी ऊंचाई ११० और चौड़ाई १०० फीट रहेगी।
भगवान शिव का पूरा परिवार आएगा नजर
मां दुर्गा की प्रतिमा के अगल-बगल में इस बार भगवान शिव का पूरा परिवार रहेगा। भगवान श्री गणेश, कार्तिकेय, माता पार्वती और भगवान शंकर की दस-दस फीट ऊंची मूर्तियां स्थापित की जाएगी। साथ ही पूरे डोम पंडाल में विशेष लाइटिंग प्रमुख आकर्षण का केंद्र रहेगी।
भटगांव के कलाकार बना रहे मूर्तियां
इस बार खास बात है कि समिति के द्वारा कोलकाता के बजाए स्थानीय कारीगरों से प्रतिमा तैयार कराई जा रही है। साथ ही मां दुर्गा समेत सारी मूर्तियां मिट्टी से तैयार की जा रही है। नैला में कारीगर मूर्तियां बनाने में जुट गए हैं। मां दुर्गा की ३५ फीट ऊंची प्रतिमा के साथ ही सभी देवी-देवताओं की प्रतिमा का निर्माण शुरु हो गया है। वहीं गणेशोत्सव संपन्न होने के बाद विशाल पंडाल बनाने का काम भी शुरु कर दिया जाएगा। हालांकि स्वर्णकमल और चांदी की छत्र तैयार करने के लिए बंगाल के कुशल कारीगरों को ही बुलाया जाएगा।
कई राज्यों से आते हैं देखने
नैला का दुर्गाेत्सव प्रदेश ही नहीं बल्कि देशभर में चर्चित हो चुका है। हर बार लोगों में यह उत्सुकता रहती है कि इस बार नैला का दुर्गोत्सव कैसा होगा। कैसी मूर्ति बनेगी, पंडाल कितना विशाल होगा। इसे देखने के लिए प्रदेश ही नहीं, बल्कि मध्यप्रदेश, ओडिशा, बिहार, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, झारखंड सहित अन्य कई राज्यों के श्रद्घालु बड़ी संख्या में आते हैं।
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