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सेंसर के जरिए भरता है गुपचुप और डस्टबिन कहती है थैंक्यू

टेक्नोलॉजी का उपयोग कर स्वच्छ भारत के प्रति दे रहे अनोखा संदेश, ठेले में लगती है लोगों की भीड

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सेंसर के जरिए  भरता है गुपचुप और  डस्टबिन कहती है थैंक्यू

सेंसर के जरिए भरता है गुपचुप और डस्टबिन कहती है थैंक्यू

रायपुर. रायपुर में एक ऐसा भी गुपचुप और चाट सेंटर हैं जो कि टेक्नोलॉजी बेस्ड है। यहां सेंसर की तकनीक का उपयोग करके स्वच्छ भारत के प्रति संदेश दिया गया है। यहां गोलगप्पे में जहां सेंसर के जरिए पानी भरता है तो वहीं ग्लास नीचे रखने पर नल से पानी भी निकलता है। इतना ही नहीं यहां डस्टविन को भी सेंसर युक्त बनाया गया है।

चाट गुपचुप सेंटर के संचालक मिथलेश साहू का कहना है कि वह वर्तमान में महंत कॉलेज से एमए इंग्लिश से कर रहे हैं। इसके साथ ही जॉब भी करते हैं। शाम को वह सड्ढू में सावित्री बाई फूले स्कूल के पास ही अपना चाट गुपचुप का ठेला लगाते हैं। उनके यहां चाट गुपचुप के साथ ही मूंग बड़ा, भेल, मोमोज भी मिलता है। लोग उनकी टेक्नोलॉजी और साफ सफाई के चलते काफी संख्या में पहुंचते हैं। मिथलेश ने सेंसर के जरिए गुपचुप पानी की टंकी और पानी के बॉटल में मोटर फिट किया है। जैसे ही ग्लास या गुपचुप को एक निर्धारित दूरी पर नल के नीचे लाते हैं पानी अपने आप चालू हो जाता है और उसे हटाते ही बंद हो जाता है। इस हाईटेक टेक्नोलॉजी से गुपचुप खाकर लोग स्वाद के साथ ही इंजॉय भी कर रहे हैं।

डस्टविन कहती है थैंक्यू

मिथलेश ने एक सेंसर युक्त डस्टविन भी रखी है। जैसे ही कचरा, दोना या ग्लास डस्टविन केपास ले जाते हैं उसका ढक्कन अपनेआप खुल जाता है। कचरा डालने के बाद ढक्कन बंद होता है और डस्टबिन से थैंक्यू की आवाज आती है। इसे देख लोग काफी खुश होते हैं।