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CG public opinion : नहर लबालब फिर भी टेल एरिया में नहीं पहुंच रहा नहर का पानी

बम्हनीडीह ब्लॉक के सैकड़ो एकड़ फसल तबाह

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बम्हनीडीह ब्लॉक के सैकड़ो एकड़ फसल तबाह

बम्हनीडीह ब्लॉक के सैकड़ो एकड़ फसल तबाह

जांजगीर-चांपा. सूखे की मार झेल रहे धान की फसल को नहर से सिंचाई सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसका प्रमुख कारण टूटी फूटी नजर और सिंचाई अफसरों की चुनाव की तैयारी में लगाया जाना बताया जा रहा है। सिंचाई विभाग के अफसरों द्वारा मॉनिटरिंग नहीं की जा रही है। यही वजह है कि किसानों को विभागीय कर्मचारियों का मार्गदर्शन नहीं मिल रहा है। नतीजतन टेल एरिया तक नहर का पानी नहीं पहुंच पा रहा है।

ऐसा नहीं है कि नहर से पानी नहीं छोड़ा गया है। एक ओर नहर में लबालब पानी बह रहा है तो वहीं अंतिम छोर तक नहर का पानी नहीं पहुंच पा रहा है। इसके चलते हजारों एकड़ फसल सूखे की चपेट में पड़ते दिखाई दे रहा है।


जिले में सिंचाई सुविधा का बुरा हाल है। शासन एक ओर किसानों को सिंचाई सुविधा का लाभ देने के लिए नहर में भरपूर पानी दे रही है, लेकिन यह पानी हेड एरिया में ही भटक कर रह जा रहा है। अंतिम छोर के किसानों को नहर का पानी नहीं पहुंच रहा है। जो हेड एरिया के किसान है वे डंडे के बल पर अपने ही अपने खेतों में पानी लेकर सिंचाई कर रहे हैं वहीं अंतिम छोर के किसानों को नहर का पानी नहीं मिल पा रहा है। बम्हनीडीह ब्लाक के गौरव ग्राम अफरीद के किसान शरण राठौर ने बताया कि उसने 8 एकड़ फसल में धान की फसल लगाई है। पांच एकड़ फसल सारागांव खार की होर है

जो नहर के हेड एरिया है वहां तक पानी पहुंच रहा है। वहीं दूसरी ओर तीन एकड़ की फसल पश्चिम दिशा में सोंठी खार की ओर है जहां तक पानी नहीं पहुंच रहा है। नहर पूरी तरह से सूखा पड़ा है। इसके चलते उसकी तीन एकड़ की फसल सूखे की चपेट में है। इसी तरह परमेश्वर यादव ने बताया कि उनकी फसल भी पश्चिम दिशा में खेल मैदान की ओर है

जहां तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। इससे उसकी तकरीबन पांच एकड़ की फसल सूखे की चपेट में है। कुछ इसी तरह की परेशानी मुड़पार, कमरीद, पचोरी, भवरेली, भवरमाल सहित दर्जनों किसानों को पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है।

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इस तरह हो रही दिक्कत
गौरव ग्राम अफरीद के किसान किशोर राठौर ने बताया कि सिंचाई विभाग के अफसरों को चुनाव की अग्रिम तैयारी में लगा दिया गया है। इसके कारण विभागीय अधिकारी नहर की मॉनिटरिंग नहीं कर पा रहे हैं। किसान जगह जगह नहर को तोड़कर पानी की दिशा भटका रहे हैं। इसके चलते नहर का पानी टेल एरिया तक नहीं पहुंच पा रहा है। यदि अफसर मॉनिटरिंग करते तो किसानों में भी दहशत होती और सिंचाई विधिवत होती। मौके पर निचले स्तर के कर्मचारी पहुंचते हैं जिसे किसान भी हल्के में लेते हैं।


बलौदा ब्लाक में हजारों एकड़ फसल सूखे की चपेट में
बलौदा ब्लाक में फसल की स्थिति बेहद खराब है। इस ब्लाक में हजारों एकड़ फसल सूखे की चपेट में आ चुका है। क्योंकि इस ब्लाक में नहर का जाल तो है पर 50 फीसदी इलाके में माइनर नहर का जाल नहीं फैला है। इसके कारण नहर में पानी होने के बाद भी किसानों को सिंचाई सुविधा का लाभ नहीं मिल पाता। फसल पकने के अंतिम दौर में बारिश नहीं होने से किसानों का फसल के लिए किए गए खर्च पानी में डूबते नजर आ रहा है। यदि अब बारिश नहीं होगी तो प्रत्येक किसानों को लाखों रुपए का नुकसान होना स्वाभाविक है।


-कर्मचारियों द्वारा सिंचाई व्यवस्था की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। टेल एरिया तक नहर का पानी पहुंचाया जा रहा है। जहां जहां समस्या है वहां कर्मचारियों द्वारा समस्या का समाधान किया जा रहा है।
-एसएल यादव, कार्यपालन अभियंता, सिंचाई विभाग