जिले के लोगों के लिए यह विडंबना हमेशा रही है कि, जशपुर जिले में ऐसे ही कई नए निर्माण कार्य होते हैं जो कई सालों तक यहां तक कहें कि दशकों तक निर्माण कार्य अधूरा अटका रहता है, जिसके कारण आम जनता काफी परेशान होती है। ठीक ऐसा ही एक सडक़ सन्ना से डूमरपानी होते हुए बगीचा जाने वाली 27 किलोमीटर की सडक़ है, जिसका नवीन निर्माण हेतु अब से लगभग तीन वर्ष पूर्व ही भूमि पूजन किया गया था। जिसके बाद सडक़ का कार्य भी शुरू हुआ यहां तक कि पहले की बनी सडक़ को पूरी तरह से उखाड़ दिया गया और फिर इस सडक़ का काम ही लगभग डेढ़ साल से बन्द कर दिया गया है। जिसकी वजह से क्षेत्र की आम जनता इस अधूरी सडक़ का दंश आज तक झेल रही है, आए दिन इस जर्जर सडक़ में कई दुर्घटनाएं होती रहती है। यह सडक़ सन्ना-कमारिमा होते हुए बगीचा जाने वाला एक मात्र सडक़ है और पूरे पाठ क्षेत्र के लोगों का ब्लाक मुख्यालय, अनुविभागीय कार्यालय, कोर्ट-कचहरी और मुख्य मार्केट भी बगीचा ही है जहां हर रोज लोगों को इसी जर्जर सडक़ का सहारा लेना पड़ता है।
विरोध में आंदोलन की बन रही रूपरेखा – इस पूरे मामले में अब ग्रामीणों के साथ साथ भाजपा युवा मोर्चा की टीम सामने आ गई है। मण्डल सन्ना भाजपा युवा मोर्चा के महामंत्री चन्दन गुप्ता ने बताया कि सन्ना-बगीचा सडक़ हमारा पहले से बना था, थोड़ा खराब जरूर हो गया था, पर इस सडक़ को पुन: बनाने के नाम पर पूरी सडक़ को डेढ़ साल से उखाड़ कर फेंक दिया गया है और काम बंद कर दिया गया है। जिससे पूरा क्षेत्र परेशान है और लोगों को बगीचा ब्लाक मुख्यालय, विद्यार्थियों को कॉलेज आने जाने में काफी दिक्कत हो रही है। आये दिन कई दुर्घटनाएं होती है। अगर जल्द ही सडक़ का काम शुरू नहीं कराई जाती है, तो अब इसके लिए आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी।
सडक़ बनाने की ओर नहीं ध्यान- क्षेत्र के लोगों का कहना है कि, विधानसभा चुनाव काफी नजदीक है और सडक़ के अधर में लटके होने के कारण इसका खामियाजा सरकार को भी भुगतना पड़ सकता है। अब इस मसले पर पूरे क्षेत्र में सरकार के प्रति आक्रोश देखा जाने लगा है और लोग सरकार के खिलाफ में बात करने लगे हैं। राहगीर बताते हैं कि यह सडक़ बल्कि पहले अच्छा था परन्तु इस सडक़ को नया बनाने के नाम पर पुरानी सडक़ को भी साल डेढ़ साल पहले ही पूरा उखाड़ दिया गया है, जिसके कारण लोगों की परेशानी और बढ़ गई है। मोटरसाइकल में आने जाने वाले अक्सर दुर्धटना के शिकार हो जाते हैं तो बड़ी गाडिय़ों के महंगे टायर के कुछ ही महीनों में परखच्चे उड़ जा रहे हैं।