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दावानल को रोकने अभी से जुटा वन अमला

सजग: वनों के आसपास रहने वाली आबादी को वनों को आग से बचाने कर रहे जागरुक

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Forest department team is holding meetings of villagers in every village.

गांव गांव में वन विभाग की टीम ले रही ग्रामीणों की बैठक।

जशपुरनगर/दुलदुला. आने वाली इस गर्मी के मौसम में जिले के सघन वनों को, हर साल प्राकृतिक या मानवीय कारणों से हर साल लगने वाली आग को लेकर वन विभाग ने अभी से पहल शुरू कर दी है। जिले के वनों के आसपास स्थित गांव के ग्रामीण और किसानों को वन विभाग के द्वारा जागरूक करने वाली फिल्म दिखाकर वनों में लगने वाले आज से होने वाले नुकसान, और वनों में गिरे पत्तों को जलाने के स्थान पर उसका जैविक खाद बनाने में किस प्रकार उपयोग कर, रासायनिक खाद पर निर्भरता कम होगी और इससे खेती किसानी की लागत तो घटेगा ही, जमीन की उर्वरा शक्ति भी बढ़ेगी, ऐसी प्रेरक बातों से ग्रामीणों को वनों में आग लगने से रोकने के साथ-साथ वनों के संरक्षण और संवर्धन के लिए जागरूक भी किया जा रहा है। इस संबंध में वन मंडलाधिकारी जितेंद्र उपाध्याय ने बताया की सेटेलाइट के माध्यम से वनों में लगने वाले आज की निगरानी और बुझाने की कार्रवाई के साथ जगह-जगह फायरवॉचर की ब्लोअर के साथ आग बुझाने के लिए टीम नियुक्त की गई है। साथ ही साथ ही वनों के आसपास रहने वाले ग्रामीणों को प्रेरक फिल्म दिखाकर वन विभाग की टीम लोगों को वनों को आग से बचने के लिए जागरूक करने जगह-जगह छोटी-छोटी बैठकें ली जा रही है। ग्रामीणों को बताया जा रहा है कि, वो इस बात का ध्यान रखें कि कहीं भी आग लगने की सूचना मिलने पर त्वरित एक्शन लिया जाए और वन विभाग को मुझे सूचित किया जाए। वनों को बचाने के लिए हमें सामुहिक रूप से प्रयास किया जाना है। जंगलो की रक्षा हमारे पर्यावरण के लिए अतिआवश्यक है, इसलिए इसका आप सभी विशेष ध्यान रखें।

टास्क फोर्स गठित- ग्राम स्तरीय टास्क फोर्स गठित कर आग पर काबू पाने के लिए निर्देश दिया गया है जिसके बाद आग बुझाने का काम शुरू किया गया है प्रशासन और ग्रामीणों की टीम मिलजुल कर आग बुझाने के कार्य मे लगी है। ग्रामीणों को जागरुक किया जा रहा है, कि जंगल मे कहीं भी आग लगने से भूगर्भ के जल की समस्या बढ़ेगी। जंगल जशपुर की पहचान हैं, जहां आग लगाया जा रहा है। जिससे भूजल स्तर ही नीचे नही गिर रहा बल्कि भूजल का निर्माण करने वाले पेड़ पौधे भी जल रहे हैं। वे पेड़ पौधे जो हमें जिंदगी भर सिर्फ खुशहाली देते हैं बदले में हम उन्हें काटते हैं जलाते हैं, जशपुर की जलवायु में हमारे जंगल महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं अगर जंगल नही होगा तो यहां की पूरी जमीन पहले रेगिस्तान में फिर हुए आग की भयावहता से बंजर हो जाएगी।

दुलदुला के काटासारू में हुई समिति गठित- वनों को आग से बचाने हेतु दुलदुला वन परिक्षेत्र के ग्राम काटासारु में बीती रात में वन विभाग की टीम के द्वारा क्षेत्र के स्थानीय ग्रामीणों की बैठक आयोजित कर समिति का गठन किया गया तथा गांव के ग्रामीणों को संकल्प दिलाया गया कि जंगल में कोई भी आग नहीं लगाएंगे, और यदि लग जाती है, तो सभी लोग मिलकर बुझाएंगे। वन विभाग की टीम के द्वारा ग्रामीणों को जागरुक करते हुए बताया गया कि, इस बार गर्मी भीषण होगी, इसलिए आग भी ज्यादा लगेगी, कुछ दावाग्नि होगी तो कुछ असामाजिक तत्वों की करामात होगी। महुआ का सीजन चल रहा है हो सके तो अभी ग्रामीणों को समझाएं पत्तों को जलाने के बजाए संग्रहित करें, बारिश में उसी पत्ती को जैविक खाद के रूप में इस्तेमाल करें, फसल अच्छी होगी, साथ ही जमीन की उर्वरता बढ़ेगी, इससे खेती-किसानी में रासायनिक खाद कीटनाशक आदि का लागत और प्रयोग घटेगा।

& वन विभाग की टीम वनों के आसपास रहने वाली आबादी को जगारुक करने की मुहिम चला रही है, जिसमें छोटी-छोटी बैठकें ली जा रही है और गांव गांव में जागरुकता पैदा करने वाली फिल् दिखाई जा रही है। सैटेलाइट की मदद के साथ जगह जगह फायरवॉचर नियुक्त किए गए हैं, जो आग की सूचना पर आग पर काबू करने का काम करेंगे।
जितेन्द्र उपाध्याय, वनमंडलाधिकारी जशपुर


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