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महिला सरपंच पर कलेक्टर ने उठाया सख्त कदम, ग्रामीणों ने की आतिशबाजी

सरपंच पद पर रहते हुए ग्राम पंचायत काकनवानी की महिला सरपंच सब्बू डामोर ने भारी अनियमितता बरती, इसके चलते कलेक्टर ने उन्हें पद से हटा दिया है। बुधवार शाम 7 बजे जब यह सूचना काकनवानी ग्राम पंचायत में पहुंची तो लोगों ने आतिशबाजी कर अपनी खुशी जाहिर की।

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Collector took strict action on female sarpanch

Collector took strict action on female sarpanch

महिला सरपंच पर कलेक्टर ने उठाया सख्त कदम, ग्रामीणों ने की आतिशबाजी

झाबुआ. सरपंच पद पर रहते हुए ग्राम पंचायत काकनवानी की महिला सरपंच सब्बू डामोर ने भारी अनियमितता बरती, इसके चलते कलेक्टर ने उन्हें पद से हटा दिया है। बुधवार शाम 7 बजे जब यह सूचना काकनवानी ग्राम पंचायत में पहुंची तो लोगों ने आतिशबाजी कर अपनी खुशी जाहिर की। लोगों ने बताया कि पंचायत में सरपंच के कार्यकाल में बड़े घोटाले हुए हैं, विकास कार्य ठप पड़ा हुआ था, जिसकी शिकायत लगातार की जा रही थी, लेकिन रसूखदार होने के कारण सरपंच पर कार्रवाई नहीं हो रही थी। मुख्यमंत्री से शिकायत के बाद सरपंच के कार्यकाल की जांच हुई, जिसमें बड़ी गड़बडिय़ां सामने आई, जिसके बाद कलेक्टर ने आरोपी सरपंच सब्बू को पद से हटा दिया। इधर , कांग्रेस इस पूरे घटना क्रम को सरपंच के विरुद्ध पूर्वाग्रह एवं दुर्भावनावश की गई कार्रवाई बता रहा है।
पंचायत के विकास कार्यों में भ्रष्टाचार : दरअसल - काकनवानी निवासी मकन पिता सुरपाल डामोर ने ग्राम पंचायत सरपंच के द्वारा अपने दायित्वों का निर्वहन न करते हुए पंचायत के विकास कार्यों में भ्रष्टाचार की शिकायत मुख्यमंत्री से की थी , जिसके बाद मुख्यमंत्री ने पूरे मामले की जांच मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत थांदला को सौंपी । जांच प्रतिवेदन के आधार पर 9 मार्च को सरपंच सब्बू डामोर को सीइओ थांदला ने कारण बताओ सूचना पत्र भेज कर 3 दिन में अपना पक्ष रखने को कहा था, लेकिन सप्ताह भर बाद भी सरपंच ने कोई जवाब नहीं दिया था । पत्रिका ने इस मुद्दे को 17 मार्च के अंक में प्रमुखता से उठाया था। जिसके बाद सरपंच को बुधवार को पद से हटा दिया गया।
यह किया था भ्रष्टाचार : आधी- अधूरी नालियों का पूरा पैसा निकाला , तालाब में घटिया निर्माण किया, जिससे पहली बारिश में ही तालाब फूट गया, रहवासियों ने चंदा जुटाकर तालाब का भराव किया। प्रतिवर्ष प्राप्त होने वाली राशि पंच परमेश्वर योजना से प्राप्त राशि , शौचालयों की राशि , सफाई शुल्क एवं प्रकाश शुल्क सब भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए। बाजार शुल्क, सफाई शुल्क, प्रकाश शुल्क का पंचायत के पास कोई हिसाब नहीं है।नल -जल योजना के अंतर्गत काकनवानी में 15 से 20 किमी के अंतर्गत पाइप लाइन डाली थी, लेकिन योजना बीच में बंद हो गई। नल- जल योजना के नाम पर 8 से 10 कुएं के नाम की राशि अपने परिजनों के खातों में जमा किए। सरकार की संपत्ति के दुरुपयोग के भी मामले में शिकायत की गई थी।