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स्कूलों की खेल सामग्री खरीदी में भ्रष्टाचार,700 की सामग्री 5 हजार में खरीदी

सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत स्कूल खरीदी घोटाले एक करोड़ से अधिक का घोटाला, अधिकारी व नेता भी शामिल

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Corruption in the purchase of sports material of schools

Corruption in the purchase of sports material of schools

झाबुआ। सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत संचालित स्कूलों में आदिवासी बच्चों के लिए शासन द्वारा दी गई खेल सामग्री के सप्लाय में भ्रष्टाचार की बात सामने आई है। सप्लायर, अधिकारी व जनप्रतिनिधि के साथ मिलकर फ र्जी बिल लगाकर पेमेंट निकाल चुके हैं। सामग्री अभी भी कई स्कूलों में नहीं पहुंची। जहां-जहां सामाग्री दी है, उसकी गुणवत्ता घटिया है। 700 रुपए में मिलने वाली सामग्री को 5000 रुपए बिल बना कर सप्लाई किया जा रहा था। इस बात को छात्र संगठन एवं सामाजिक संगठनो ने उठाया । जिलेभर में खेल सामग्री में हुए भ्रष्टाचार की बातें होने लगी। मामले में कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए हैं।
ज्ञात हो जिले में प्राइमरी स्कूलों में 5000 एवं मीडिल स्कूल में 10,000 रुपए की खेल सामग्री पहुंचना थी। जिलेभर में प्राइमरी स्कूलों की संख्या 1977 है , यहां प्रति स्कूल 5000 रुपए की खेल सामग्री के हिसाब से 98 लाख 95 हजार रुपए है। जिले की 425 मीडिल स्कूलों में प्रति स्कूल 10,000 रुपए की खेल सामग्री वितरित करना थी। इसमें कुल 42 लाख 50 हजार रुपए का प्रावधान किया गया था । इस तरह कुल एक करोड़ 41 लाख 3500 रुपए की खेल सामग्री जनजातीय बच्चों के लिए स्कूलों में पहुंचना थी। यह काम पालक शिक्षक संघ के माध्यम से होना था, लेकिन अब इसे सप्लायर के द्वारा किया जा रहा है।
कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश

जिले में खेल सामग्री के जो कीट आए हैं खेल का सामान 500 रुपए का भी नहीं है लेकिन सप्लायर उसके पास 5 हजार रुपए के बिल लगा दिए। जयस ने विरोध किया तब झाबुआ कलेक्टर ने जांच का आदेश दिया है। खेल सामग्री के लिए 5 हजार का फ र्जी बिल की जांच यदि निष्पक्ष नहीं हुई तो जयस इस मुद्दे पर उग्र आंदोलन के लिए तैयार हैं। स्थानीय स्तर पर जांच में हेरफेर करने पर मुख्यमंत्री से शिकायत कर, विधानसभा में प्रश्न लगवाएंगे।

यह मिलना थी सामग्री
किट बैग , हाइट स्केल , डिजिटल स्केल , जैवलिन वुडन , टेनिस बॉल , मॉन्टेक्स रिंग , प्रेक्टिस कोन , स्टेप हर्डल , जे रोप , कैरम बोर्ड , लूडो , प्लास्टिक बॉल सप्लाय करना था। बहुत ही स्कूलों में सामान सप्लाई नहीं हुआ है फि र भी बिल लगा दिए गए हैं। वही सामान के रेट ज्यादा लगाए हैं , जिससे भ्रष्टाचार की बात से इनकार नहीं किया जा सकता ।