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सज्जनबाई वागरेचा ने संथारा गृहण किया, डोल निकला

थांदला, झाबुआ, कल्याणपुरा, रंभापुर, राणापुर, जोबट, पेटलावद, कुशलगढ़, बांसवाडा, बामनिया, रतलाम, सैलाना, लिमडी, संजेली आदि श्रीसंघों से कई लोगो ने डोल में शामिल वागरेचा के संथारे की अनुमोदना कर दर्शन किए

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Gitesh Dwivedi

Dec 10, 2016

jhabua

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मेघनगर.
धर्मनिष्ठ सुश्राविका सज्जनबाई वागरेचा का 88 वर्ष की आयु में गुरुवार को देवलोकगमन हो गया। देवलोकगमन बाद परिजन की सहमति से उनके नेत्रदान किए गए। यहां विराजित अणु शिष्या महासती निखीलशिला ने वागरेचा को संथारे के पचक्खाण करवाए। जिनवाणी व नवकार महामंत्र के जाप सुनते हुए 25 मिनट बाद वागरेचा का संथारा सिज गया व उन्होंने संथारे सहित पंडित मरण को प्राप्त किया।



इस अवसर पर शुक्रवार को वागरेचा को डोल निकाली गई। जो नगर के प्रमुख मार्गो से होती हुई स्थानीय मुक्तिधाम पहुंची। जहां उनके पुत्र जयंतीलाल व हसमुखलाल वागरेचा, पोते पंकज, संजय व नीलेश ने मुखाग्नि दी। इस अवसर पर थांदला, झाबुआ, कल्याणपुरा, रंभापुर, राणापुर, जोबट, पेटलावद, कुशलगढ़, बांसवाडा, बामनिया, रतलाम, सैलाना, लिमडी, संजेली आदि श्रीसंघों से कई लोगो ने डोल में शामिल वागरेचा के संथारे की अनुमोदना कर दर्शन किए। शोक स्वरूप नगर के अधिकांश प्रतिष्ठान बंद रहे। नगर में निकली डोल के लोगों ने दर्शन किए व संथारे की उत्कृष्ट साधना के साथ पंडित मरण पर वागरेचा को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। स्थानीय महावीर भवन पर वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ, राजेंद्रसुरि ज्ञान मंदिर पर समाजजन, बोहरा मस्जिद पर समाजजन द्वारा माला व शाल द्वारा श्रीमती वागरेचा को श्रद्धांजलि दी गई।