
This secret of the second century opened during the cleaning in Samoi village
झाबुआ । पुरातत्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय मध्यप्रदेश द्वारा ग्राम समोई में वैज्ञानिक प्रविधि द्वारा आयुक्त पुरातत्व के आदेशनुसार प्राचीन स्थल का मलवा सफाई कार्य किया गया । इसमें दूसरी शताब्दी के मंदिर- भवन के ईंट निर्मित पुरावशेष प्राप्त हुए। कार्य योगेश पाल पुरातत्ववेत्ता द्वारा किया गया, जिसमें डॉ रमेश यादव पुरातत्वीय अधिकारी का निर्देशन रहा। योगीश पाल ने बताया, विभाग द्वारा कराए जाने वाले ग्राम से ग्राम पुरातत्वीय सर्वेक्षण में यह प्राचीन टीला प्रकाश में आया था। इसके बाद उक्त स्थल का मलवा सफाई कार्य किया गया। कार्य में स्थल से ऐतिहासिक काल के प्रमाण प्रकाश में आए हैं। इस स्थल पर खुदाई में पकी हुई ईंट से निर्मित मंदिर- भवन के भग्नावशेष प्राप्त हुए है। यहां पर छह कक्ष प्राप्त हुए हैं जो ईंट निर्मित है। कक्षों की दीवारों की मोटाई अलग-अलग है, जिनमें मुख्य कक्ष की दीवार की मोटाई एक मीटर तक है। विभिन्न कमरों के आकार भी भिन्न- भिन्न है। यहां से प्राप्त भग्नावशेषों के भवन की एक दीवार पर ब्राह्मी लिपि का एक लेख भी उत्कीर्ण है। साथ ही यहां विष्णु एवं महिषासुर मर्दिनी की खंडित अवस्था में मूर्तियां भी प्राप्त हुई है। अध्यन से यह कहा जा सकता है कि उक्त आलीराजपुर क्षेत्र व्यापारिक मार्ग रहे हैं।
बहुत प्राचीन बस्ती के मिले अवशेष
सर्वेक्षण में जिले से शैलचित्र, प्राचीन टीले, मंदिर आदि बहुतायात में प्राप्त हुए है। ऐसे में जनजातीय क्षेत्र से उक्त प्रचीन संपदा प्राप्त होने का अर्थ है कि यहां का समाज भी मुख्यधारा में शामिल रहा होगा। उल्लेखनीय है कि समोई में ही जनजातीय समाज का अतिप्राचीन स्थल बाबा देव भी है। और अधिक अध्यन से बाबा देव एवं प्राचीन बस्ती आदि के बारे में जानकारी निकल कर आना निश्चित है।
विभाग कर और जानकारी में जटा-
ग्राम समोई में मिले दूसरी शताब्दी की सामग्री को पुरात्तव संग्रहालय एवं अभिलेखागार का अवलोकन कर रहा है। इस मूर्तियां व लिपियों को सावधानी पूर्वक रखा गया है। इसके बाद इनके संदर्भ और जानकारी जुटाने का प्रयास वैज्ञानिक कर रहे है। ग्राम समोई में प्राचीन मलवा सफाई काम चल रहा है। इसके लिए विशेष प्रविधि से किया जा रहा है।
Published on:
10 Mar 2022 03:37 pm
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