
अधिवक्ता बोले: साफ छवि के नेता आएं राजनीति में तभी बदलाव संभव
झालावाड़.राजनीति में अच्छे लोग आने चाहिए। घर-घर यह माहौल बनना चाहिए। विश्व के सबसे बड़े इस लोकतांत्रिक देश मेें चुनाव ही तो है, जिसमें जनता को सिर आंखों पर बिठाया जाता है। बावजूद इसके सभी चुनाव के समय भूल जाते हैं। इसमें भ्रष्टाचार, धनबल व भुजबल का भी बोलबाला रहता है। संभवत: यही कारण है कि अच्छे लोग राजनीति की चौखट तक नहीं आ पाते हैं। आखिर ऐसा कब तक चलेगा और क्यूं्? बदलाव तो जरूरी है। लेकिन बदलाव कैसे आएगा, कोई तो बदलावा लाने वाला चाहिए। अब वक्त आ गया है बदलाव के नायक बनने का। राजनीति के शुद्धीकरण में भागीदार बनने का। शनिवार को स्वच्छ करें राजनीति विषय पर आयोजित टॉक शॉ में बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों व वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने कुछ ऐसे रखी अपनी राय।
यह आई प्रतिक्रियाएं.....
१. जिन्होंने भी चुनाव लड़ा उन्होंने इस पर अपना कब्जा समझ लिया। नेता स्वयं ठेकेदारों को अपना पार्टनर बना लेते हैं। आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को आगे नहीं आने देते हैं। लेकिन अब समय आ गया है कि साफ-सुथरी छवि के जनप्रतिनिधि का ही आमजन चुनाव करें।
मुकेश जैन, अध्यक्ष बार एसोसिएशन, झालावाड़।
२.आजकल राजनीति का पूरी तरह से अपराधिकरण हो चुका है। भ्रटाचार चरम पर है। वंशवाद हावी है। इसके चलते राजनीति से अच्छे लोग दूर जा रहे हैं। बड़ी पार्टियां जाति के नाम पर वोट मांग रही है। आजादी के समय अधिवक्ताओं को राजनीति में काफी तवज्जो दी जाती थी। लेकिन अभी एक फीसदी कोटा भी अधिवक्ताओं का नहीं है। अभी अंगूठा छाप नेता सत्तासीन है। ऐसे में उन्हें ही कानून की जानकारी नहीं है। वह क्या बदलाव ला पाएंगे।
सुनील गुप्ता, वरिष्ठ अधिवक्ता।
३.राजनीति में अपराधी लोगों के आने से अच्छे लोग दूर जा रहे हैं। जैसे बाजार में बूरी मुद्रा अच्छी मुद्रा को दूर कर देती है। ऐसे ही राजनीति में धनबल व छलकपट से सत्ता पाने में कामयाब हो जाते हैं। इससे राजनीति दूषित होती जा रही है। जो लोग आरक्षण व साम्प्रदायिक दंगे के नाम पर राजनीति कर रहे हैं,यह गलत है। अब मंदिर-मस्जिद, कब्रिस्तान के नाम पर साम्प्रदायिक सौर्हद बिगाड़कर राजनीति को दूषित कर रहे हैं। लेकिन अब हर नागरिक को जागरुक होना होगा।
विष्णु प्रसाद पाटीदार, वरिष्ठ अधिवक्ता।
४.लोगों को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर साफ-सुथरी छवि के लोगों का चयन करना चाहिए। चाहे वह किसी भी दल का हो। हमारा नेता ऐसा हो जिसमें नेतृत्व क्षमता, राजनीतिक गुण हो जनहित में कार्य करने वाला उम्मीदवार हो।
राम माहेश्वरी, पूर्व अध्यक्ष बार एसोसिएशन।
५.एमएल व एमपी की योग्यता भी निश्चित होनी चाहिए। राजनीति में आरक्षण व्यवस्था समाप्त होनी चाहिए। तभी हमारा देश राजनीति के क्षेत्र में सक्षम बन पाएगा। अच्छे नेता आएंगे तो देश का विकास होगा।
खेरूनिशा, संयुक्त सचिव, बार एसोसिएशन।
६. राजनीति में बदलाव की महती आवश्यकता है। राजनीतिक स्तर पर लोगों के जेहन में बदलाव लाना जरुरी होगा। पैसे के दम पर नेता टिकिट पाने में समर्थ हो जाते हैं। लेकिन अब लोग जागरूक हो रहे हैं। साफ-सुथरी छवि के उम्मीदर का ही चयन करेंगे। अपराधी किस्म के नेता चुनाव नहीं जीत पाएंगे।
बद्री पायलेट, अधिवक्ता।
७.हमारा जनप्रतिनिधि पढ़ा-लिखा हो। आमजन की परेशानी को समझने वाला हो। ऐसा नहीं हो की चुनाव के समय १५ दिन लोगों के ढोक लगता हो। फिर पांच साल तक शक्ल ही नहीं दिखाएं। लोकतंत्र में मतदान अमोघ हथियार है। इसका प्रयोग कर सही व्यक्ति का ही चयन करें।
शबाना खान, अधिवक्ता।
८.चेंज मेकर अभियान के लिए पत्रिका का धन्यवाद। राजस्थान पत्रिका हमेशा से जनहित के मुद्दे उठाता रहा है चाहे वह काला कानून हो अन्य कोई। ऐसा ही यह चेंज मेकर अभियान है। लोग इससे जुड़ रहे हैं। निश्चित रूप से अशुद्ध हुई राजनीति की सफाई होगी। आज राजनेता अपने फायदे के लिए आरक्षण सहित अन्य मुद्दों पर अपनी राजनीतिक रोटियां सेकते हैं। राजनीति में वंशवाद हावी हो रहा है। इसके लिए आम लोगों को जागरूक होना होगा। तभी बदलाव संभव है।
राजेन्द्रसिंह झाला वरिष्ठ अधिवक्ता।
९.राजनीति में आरक्षण बंद हो। कुर्सी पर बैठकर सही काम करने वाले व्यक्ति का चयन हो। इसके लिए जनता अपने नेता का चुनाव सोच समझ कर करें। युवाओं को मौका देंवे। ताकि पंाच साल पछताना नहीं पड़े।
धर्मराजसिंह, अधिवक्ता।
Published on:
08 Apr 2018 06:36 pm
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