
झालावाड़.सीबीएसइ नई दिल्ली ने दसवीं एवं बारहवीं बोर्ड कक्षा के विद्यार्थियों के लिए रिवैल्यूएशन नियमों में बदलाव किया हैं। इस संबंध में बोर्ड ने 2 अप्रेल को एक आधिकारिक नोटिफिकेशन वेबसाइट पर जारी किया है। नोटिफिकेशन के अनुसार, नए नियमों के तहत अब वेरिफिकेशन ऑफ माक्र्स की प्रक्रिया को अनिवार्य नहीं रखा गया है। जिससे विद्यार्थियों को राहत मिलेगी। अब विद्यार्थियों को सबसे पहले अपनी इवेलुएटेड आंसर शीट की फोटोकॉपी के लिए आवेदन करना होगा। आंसर शीट देखकर वे और उनके विषय विशेषज्ञ यह निर्णय कर सकेंगे कि उन्हें केवल वेरिफिकेशन कराना है या रिवैल्यूएशन कराना है या दोनों प्रक्रियाओं की आवश्यकता है। इस बदलाव से विद्यार्थियों को अधिक स्पष्टता और विकल्प की स्वतंत्रता मिलेगी। यह संशोधन तार्किक और व्यावहारिक दृष्टिकोण पर आधारित है। पहले वेरिफिकेशन को रिवैल्यूएशन से पहले अनिवार्य रूप से करना पड़ता था। जिससे समय और धन दोनों की बर्बादी होती थी। अब विद्यार्थी अपनी आवश्यकता के अनुसार सीधे किसी भी चरण में प्रवेश कर सकते हैं।
वेरिफिकेशन ऑफ माक्र्स की प्रक्रिया में यह जांचा जाता है कि कोई प्रश्न छूटा तो नहीं। अंकों का योग सही है या नहीं और अंक सही से अंकित हुए हैं या नहीं। वहीं रिवैल्यूएशन का तात्पर्य होता है कि उत्तर को दोबारा जांचना, जब विद्यार्थी मूल्यांकन से संतुष्ट न हो। इस प्रक्रिया में संबंधित उत्तरों को पुन: जांचा जाता है।
रिवैल्यूएशन प्रक्रिया की शुरुआत इस ओर भी संकेत करती है कि बोर्ड परीक्षा के परिणाम जल्द जारी हो सकते हैं। विशेष रूप से 12वीं विज्ञान संकाय के विद्यार्थियों को फिजिक्स विषय के अंकों को लेकर काफी उत्सुकता है। इस वर्ष फिजिक्स का प्रश्न पत्र छात्रों के लिए कठिन साबित हुआ। जबकि विशेषज्ञों ने इसे नेशनल एजुकेशन पॉलिसी(एनइपी 2020) के अनुरूप स्तरीय बताया।
अब सीबीएसइ बोर्ड ने कई बदलाव किए है। पहले 1000 हजार आंसर शीट का शुल्क लगता था, अब बोर्ड ये कर दिया है कि पहले आंसर शीट लेकर देख लो, फिर बच्चा संतुष्ठ हो जाता है, उसे रिटोटलिंग या रिचैकिंग करवानी है तो वो करवा सकता है। इससे ये फायदा होगा कि बच्चों को भी पहले आंसर शीट मिल जाएगी और बोर्ड पर भी अनाश्यक लोड कम होगा। उम्मीद है कि बोर्ड इसी सप्ताह बोर्ड कक्षाओं का परिणाम जारी कर दें।
Published on:
10 May 2025 09:06 pm
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