
Jhalawar News : क्षेत्र की ग्राम पंचायत चछलाव में पेयजल उपलब्ध कराने के लिए अलग-अलग तीन योजनाओं के तहत करोड़ों रूपए खर्च करने के बाद भी ग्रामीणों को पानी नहीं मिल रहा। इस गांव में ग्रामीणों के दिन की शुरूआत पेयजल के लिए भागदौड़ से होती है। यहां करीब पांच वर्ष पूर्व क्षेत्रीय विधायक द्वारा घर-घर नल कनेक्शन के लिए लगभग एक करोड़ 60 लाख रुपए खर्च कर 18 हजार मीटर ऊंची टंकी बनाई गई, दो कुओं का निर्माण, दो विद्युत ट्रांसफार्मर लगाकर पूरे गांव में पेयजल लाइन बिछाई गई थी। इसकी देखेरख का कार्य ग्राम पंचायत को दे दिया। पंचायत ने एक कर्मचारी भी लगाया। इसके बाद गागरीन पेयजल परियोजना के तहत 7 लाख रुपए खर्च कर वर्ष 2019 में 1900 मीटर पाइप लाइन बिछाकर सात सार्वजनिक स्थानों पर नल प्वाइंट लगाए। अब तीन माह से जल जीवन मिशन योजना के तहत 10 लाख रुपए की लागत से दो किलोमीटर की शेष रही लाइनों को बिछाने का कार्य प्रगाति पर चल रहा है।
कोई नहीं सुन रहा पीड़ा
विकसित भारत संकल्य यात्रा के दौरान ग्रामीणों ने पेयजल समस्या रखी थी जिस पर गागरीन सिंचाई परियोजना के अधिकारियों ने पेयजल सप्लाई देने के लिए कहा था लेकिन परियोजना के नलों में पानी नहीं आ रहा। इस कारण पेयजल समस्या हो रही है। वमेरे कार्यकाल में ग्राम पंचायत द्वारा जनता जल योजना के नाम कोई रसीदें नही काटी गई है।
रामनिवास, ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत चछलाव
जल जीवन मिशन योजना के तहत चछलाव में कार्य प्रगाति पर चल रहा है। अभी तीन माह का कार्य और शेष है। कार्य पूर्ण होने के बाद ही पेयजल समस्याओं से निजात मिल सकेगा।
संजीव गौतम, अधिशासी अभियंता परियोजना खंड भवानीमंडी
ग्रामीण रीनाबाई, मंजूबाई, मनीषा बाई, सोहन बाई, कौशल बाई राम दयाल धाकड़, सोनू नागर, श्याम लाल मेघवाल, श्यामलाल भील, नवलकिशोर पाटीदार, सुंदर सेन, चेनराम बैरागी, देशराज राजपूत, भेरूलाल लुहार, ओम प्रकाश पाटीदार और कमलेश पाटीदार आदि ने बताया कि लम्बे समय से पेयजल समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इस संबंध में कई बार शिविरों एवं जनसुनवाई में अधिकारियों, कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया है लेकिन समाधान नहीं हो पा रहा है।
ऐसी बिगड़ी व्यवस्थाएं
घर-घर नल कनेक्शन की देखरेख के लिए लगाए कर्मचारी को पंचायत ने लगभग पांच माह से वेतन नहीं दिया। ऐसे में उसने काम छोड़ दिया। जनता जल योजना के नाम पर ग्रामीणों से राशि भी ली गई। इसके बाद भी गांव में निजी कुएं से पानी लाना पड़ रहा है। कुछ ग्रामीणों ने तो निजी कुएं पर हजारों रुपए खर्च कर मोटर और पाइप लाइनें डालकर इंतजाम कर लिया। वहीं गागरीन परियोजना के नलों में भी पानी नहीं आ रहा।
Published on:
17 Jan 2024 05:52 pm
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