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Government of Rajasthan…सरकार की अनदेखी का शिकार बच्चों की बाड़ी

locationझालावाड़Published: Jul 30, 2021 07:25:25 pm

महिला एवं बाल विकास विभाग में अधिकारियों की कमी

Government of Rajasthan...सरकार की अनदेखी का शिकार बच्चों की बाड़ी

Government of Rajasthan…सरकार की अनदेखी का शिकार बच्चों की बाड़ी

झालावाड़. जिले में जिस विभाग पर गर्भवती व धात्री महिलाओं सहित बालकों के विकास की जिम्मेदारी है, वह अधिकारियों एवं कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है। स्थिति यह है कि अधिकारियों के 80 फीसदी पद खाली है, ऐसे में बच्चों का सर्वांगीण विकास करने एवं विद्यालय जीवन के लिए पूर्ण रूप से बच्चों को तैयार करने की बातें बेमानी साबित हो रही है। साथ ही न तो सरकार की महत्वपूर्र्ण योजनाओं की सुचारू रूप से क्रियान्विति हो रही है और न ही पात्र व्यक्ति को लाभ मिल पा रहा है। जिले के महिला एवं बाल विकास विभाग में बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ ) के कुल 8 पद स्वीकृत है, लेकिन इनमें से मात्र 2 पद ही भरे हुए है, शेष 6 पद रिक्त है। महिल एवं बाल विकास विभाग में सीडीपीओ सबसे महत्वपूर्ण कड़ी होती है, लेकिन जिले में 6 पद रिक्त होने से विभाग का काम खासा प्रभावित हो रहा है। इसी प्रकार सहायक बाल विकास परियोजना अधिकारी का जिले में एक ही पद स्वीकृत है शेष परियोजनाओं में ये पद ही नहीं होने से काम में परेशानी आ रही है। जिले में 1308 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित है तो 202 मिनी केन्द्र को आंगनबाड़ी पाठशाला का रूप दिया गया है, इनमें कार्यकर्ता, मिनी कार्यकर्ता, सहायिका एवं आशा सहयोगनी के 118 पद रिक्त है। इसमें आशा सहयोगनी के 30, सहायिका के 41, कार्यकर्ता के 44 व मिनी कार्यकर्ता के 3 पद रिक्त चल रहे हैं। महिला विकास विभाग के जिले में 6 सीडीपीओ के पद रिक्त है, ऐसे में दो जगह पिड़ावा व अकलेरा में सीडीपीओ का चार्ज विकास अधिकारी को तथा खानपुर व झालरापाटन का अतिरिक्त कार्यभार सीबीईओ को दे रखा है। महिला बाल विकास विभाग के पोषण ट्रेकर सॉफ्टवेयर पर समय पर सूचनाएं नहीं जाने से बच्चों के लिए आने वाला पूरक पोषाहार भी कई स्थानों पर पर्याप्त नहीं आ पाता है। विभाग के अधिकारी हो तो समय से डाटा अपडेट व सूचनाएं भेजने से सरकार की योजनाओंं का लाभ पात्र व जरूरतमंद बच्चों को मिलता है।
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