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झालावाड़

राइट टू हेल्थ के विरोध में डॉक्टर्स ने प्रदर्शन कर पुतला फूंका

    -मरीजों की लग रही कतार, चिकित्सालयों पर बढ़ा भार- निजी चिकित्सालयों में काम-काज बंद

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झालावाड़.राइट टू हेल्थ बिल में संशोधन के विरोध में निजी व सरकारी चिकित्सकों का विरोध जारी है। चिकित्सक घरों पर मरीजों को नहीं देख रहे हैं, ऐसे में मरीजों का भार एसआरजी चिकित्सालय पर ज्यादा बढ़ गया है। वहीं एसआरजी चिकित्सालय में रेजिडेंट चिकित्सकों के भी हड़ताल पर होने से सारा काम वरिष्ठ चिकित्सकों को ही देखना पड़ रहा है।

निजी में काम बंद-
जिले के निजी चिकित्सालयों में काम बंद होने से मरीज सरकारी चिकित्सालयों में पहुंच रहे हैं। एसआरजी चिकित्सलय में करीब 300 रेजिडेंट ने काम बंद कर रखा है। ऐसे में सारा काम वरिष्ठ चिकित्सकों को ही करना पड़ रहा है। वहीं ओपीडी व इमरजेंसी ड्यूटी में खासी परेशानी आ रही है।

ऑपरेशन हो गए कम-
राइट टू हेल्थ बिल के विरोध के चलते काम खासा प्रभावित हो रहा है। मरीजों को देखना व इमरजेंसी ड्यूटी दोनों में वरिष्ठ चिकित्सकों के सेवाएं देने से हर दिन जहां 30-35 ऑपरेशन हो रहे थे, वो अब 7-8 ही हो रहे हैं। वहीं सामान्य ऑपरेशन टाले जा रहे हैं। हालांकि डॉक्टर प्राथमिकता इमरजेंसी वाले मरीजों को ही दे रहे हैं।

इंतजार करना पड़ रहा-
मैं एसआरजी चिकित्सालय में दिखाने आई थी। लेकिन कतार लंबी होने से इंतजार करना पड़ रहा है।
मंजू मरीज, रामगंज मंडी
लाइन में लगे हुए है-
मुझे बुखार है,आधा घंटे से लाइन में लगे हुए है। अभी तक नंबर नहीं आया। भीड़ बहुत ज्यादा है। देखने वाले डॉक्टर कम है। सरकार को जल्द समस्या का समाधान करनाचाहिए।
भैरुलाल, मरीज, झालरापाटन।

इधर डॉक्टरों ने जलाया पुतला-
राइट टू हेल्थ बिल का विरोध जारी है। आइएमए हाल में शनिवार शाम को बड़ी संख्या में डॉक्टर एकत्रित हुए। डॉक्टरों ने नो टू आरटीएच की मांग की। इस दौरान डॉक्टर्स ने राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इससे पहले विरोध करने वाले डॉक्टर्स ने कहा कि जब तक इस कानून को वापस नहीं लिया जाता तब तक डॉक्टर्स अपना आंदोलन जारी रखेंगे। बता दें कि डॉक्टरों की ओर से बिल का विरोध जारी है। जिलेभर में निजी अस्पताल बंद है। करीब 3 दर्जन से ज्यादा निजी अस्पताल,क्लिनिक व नर्सिंग होम बंद है। बंद के कारण मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं मेडिकल कॉलेज के जुड़े अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टरों ने कार्य बहिष्कार कर रखा है। जिसकी वजह से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

कई समाजों का भी मिला सहयोग-
राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में डॉक्टरों के समर्थन में कई सामाजिक संगठन भी आगे आए है। डॉ.राजेश जैन ने कहा कि हमारे आंदोलन को विभिन्न समाजों व संगठनों का सहयोग मिल रहा है। जिसमें ब्राह्मण, मीणा, गुर्जर, पाटीदार, जैन, विजयवर्गीय सहित कई समाजों का समर्थन मिल रहा है। भारत विकास परिषद, केमिस्ट एसोसिएशन, शुकुन ग्रीनसिटी वेलफेयर, मेेडिकल रिप्रेजेंटिव एसोसिएशन सहित कई संगठनों व समाजों का समर्थन मिल रहा है।

ये रहे मौजूद-
राइट टू हेल्थ बिल के विरोध आईएमए सभागार में निजी चिकित्सालयों के प्रतिनिधि व मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर एकत्रित हुए। जिन्होंने सरकार द्वारा लागू किए काले कानून के विरोध में जमकर नारेबारे की,इसके बाद गेट पर पुतला किया। इस मौके पर डॉ.सीएस व्यास, डॉ.एमएन कुलश्रेष्ठ, डॉ.राजेश जैन, डॉ.राजेन्द्र गुप्ता, डॉ.रघुनन्दन मीणा, डॉ.कमल गुप्ता, डॉ.एमएल गुप्ता, डॉ.शुभम जैन, डॉ.हुकमचन्द मीणा, डॉ.महावीर मीणा, डॉ.शुभम जैन, डॉ.रामपाटीदार, डॉ.राघवेन्द्र व्यास, डॉ.अंशुल विजय, डॉ.बीके पाटीदार, डॉ.विनोद पाटीदार, डॉ.मनीष शर्मा, डॉ.सौरभ शर्मा, डॉ.संजय पाटीदार, डॉ.अखिलेश व्यास, डॉ.ललित शर्मा, डॉ. गौरीशंकर चौहान, डॉ.कनिष्क, डॉ.राहुल सुयन, डॉ.प्रेरित वर्मा,मनोहर पाटीदार,डॉ.राजेश मालव सहित कई लोग मौजूद रहे।
समर्थन मिल रही है-
आगे की रणनीति सभी मिलकर तय करेंगे, अनिश्चित हड़ताल जारी है। विभिन्न समाजों का समर्थन के लिए लेटर प्राप्त हो रहे हैं।
डॉ.कमलेश विजय, आईएमए अध्यक्ष

मरीजों को तकलीफ हो रही-
हमारी वजह से लोगों को मरीजों को तकलीफ हो रही है, हम इस परेशानी के आगे बहुत ज्यादा परेशान है। ये कालाकानून है। इससे मरीज व डॉक्टरों के बीच का समन्वय खत्म हो जाएगा। ऐसे में किसी भी मरीज की चिकित्सा करना असंभव हो जाएगा। हमारे पक्ष में सभी समाज आगे आ रहे हैं।सभी केमिस्ट का समर्थन मिल चुकाहै। आने वाले समय में सभी स्टोर बंद हो जाएंगे। ये कांग्रेस सरकार को समझना चाहिए।

डॉ. राजेश जैन, झालावाड़।