
सुनेल. आश्विन शुक्ल पूर्णिमा अथवा शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर को है। शरद पूर्णिमा की मध्य रात्रि चंद्रग्रहण से चांदनी की रोशनी में खीर को शीतलता नहीं दी जा सकेंगी न ही ठाकुर जी को खीर का भोग लग सकेगा। रात 1:05 बजे से चंद्रग्रहण शुरू हो जाएगा और इसका सूतक 28 अक्टूबर की शाम 4:05 बजे से ही लग जाएगा। इसके चलते न तो ठाकुर जी को स्पर्श किया जा सकेगा और न ही भोग की खीर बन सकेगी। ज्योतिषाचार्य पंडित राजेन्द्र जोशी ने बताया कि चंद्र ग्रहण पर्व सूतक साइन 4:05 बजे लग जाएगा। मंदिर के पट खुले रहेंगे। ग्रहण काल में हवन किया जाएगा लेकिन ठाकुर जी के खीर का भोग अमृत प्रसाद चंद्र ग्रहण होने के कारण नहीं लगाया जाएगा। साथ ही चंद्ररोशनी में रातभर खीर भी नहीं रखी जा जाएगी। भारत में ग्रहण का प्रारंभ रात्रि 1:05 पर होगा। ग्रहण का मध्य 1:44 पर और ग्रहण की समाप्ति 2:23 बजे होगी। ग्रहण का पर्व काल 1 घंटे 18 मिनट का होगा। यह खंडग्रास चंद्र ग्रहण अश्विनी नक्षत्र और मेष राशि में गठित हो रहा है अश्विनी नक्षत्र और मेष राशि में जन्में व्यक्तियों के लिए अशुभ रहेगा। ज्योतिषाचार्य पंडित जोशी के मुताबिक तेल या घी से पक्का अन्न, घी, तेल, दूध, दही, लस्सी, पनीर, आचार, चटनी व मुरब्बा में तेल या कुशा रख देने से दूषित नहीं होते है। वही सूखे खाद्य पदार्थो यथा गेहूं, चन्ना, दाल, आटा, चीनी आदि में कुशा या तुलसी का पत्ता रखने की जरूरत नहीं होती है।
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सूतक व ग्रहण के समय में वर्जित कार्य
धर्मशास्त्रों में सूतक प्रारंभ हो जाने के बाद मूर्ति स्पर्श अनावश्यक खाना-पीना, निद्रा, नाखून काटना आदि वर्जित माना गया है। साथ ही झूठ, वाद विवाद आदि से भी दूर रहने का उल्लेख मिलता है। सूतक काल में बालक, वृद्व रोगी तथा गर्भवती स्त्रियों के यथानुकूल भोजन व दवाई लेने में कोई दोष नहीं लगता है। पका हुआ अन्न,कटी हुई सब्जी या फल ग्रहण काल में दूषित हो जाते है, उन्हें खाना नहीं चाहिए।
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यहां दिखाई देगा
यह ग्रहण भारत के साथ अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप सहित एशिया महाद्वीप के सभी देश रूस, चीन, जापान, पाकिस्तान, श्रीलंका, इंडोनेशिया, ईरान, ईराक, अफगानिस्तान, सऊदी अरब एवं हिंद महासागर, अटलांटिक महासागर व प्रशांत महासागर में दिखाई देगा।
Published on:
05 Oct 2023 04:36 pm
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