प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार सोमवार सुबह करीब साढ़े पांच बजे वार्ड में भर्ती एक लड़की की नजर छत के एक कोने में निकल रहे धुएं पर पड़ी। उसने यह बात अपने भाई को बताई। भाई ने तत्काल यह बात वहां मौजूद सुरक्षाकर्मी अनिल दांगी को बताई। दांगी तत्काल वार्ड की सभी लाइट और एसी बंद कर दिए। वार्ड की लाइट की सप्लाई भी काट दी। इस दौरान आग की लपटें तेज हो गई और पूरे वार्ड में धुआं भर गया। आग देखकर सभी मरीजों को वार्ड से बाहर निकाल दिया गया। ये मरीज मेडिसिन, न्यूरोलॉजी और यूरोलॉजी की बीमारियों से पीडि़त थे। इन मरीजों को बाद में अस्पताल के दूसरी और तीसरी मंजिल के वार्डों में शिफ्ट किया गया।
खिड़कियां खोली, कांच तोड़े
प्रत्यक्षदर्शी सुरक्षाकर्मी अनिल दांगी ने बताया कि फायबर होने के कारण आग ने तेजी से फैलना शुरू किया। पलभर में काला धुआं वार्ड में भर गया। अंदर ज्यादा धुआं होने के कारण वे दो-दो मॉस्क पहनकर अंदर घुसे। वार्ड की सारी खिड़कियां खोल दी। वहां लगे कांच तोड़ दिए। उन्होंने वार्ड में रखे छोटे अग्निशमन यंत्र से आग बुझाने की कोशिश की,लेकिन आग पर काबू नहीं पाया जा सका। मौके पर तीन दमकले पहुंची और आग बुझाने का काम शुरू किया। सूचना मिलने पर मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. संजय पोरवाल और अधीक्षक डॉ. संजय जैन भी मौके पर पहुंचे। ” आग लगने के बाद सभी मरीजों को सुरक्षित निकाल लिया गया। सभी मरीजों की तत्काल जांच की गई। सभी ठीक है। संभवत: एसी यूनिट में शॉट सर्किट की वजह से आग लगी थी। हादसे की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है।
डा. संजय पोरवाल, डीन मेडिकल कालेज झालावाड़
सुरक्षा में लापरवाही, फायर सिस्टम बंद, एग्जिट गेट अधूरे
झालावाड़। शहर के एसआरजी अस्पताल की न्यू इमरजेंसी बिल्डिंग में सुरक्षा व्यवस्थाओं की हालत चिंताजनक है। भवन में दो एग्जिट गेट बनाए गए हैं, लेकिन इनमें से केवल पीछे की ओर का गेट ही चालू है। सामने की तरफ बनने वाली लिफ्ट का कार्य अधूरा पड़ा है। ऐसे में अगर रात के समय अग्निकांड हो जाता तो 150 बेड वाले वार्ड में बड़ी जनहानि से इनकार नहीं किया जा सकता।
फायर सिस्टम भी बंद
एसआरजी अस्पताल में फायर फाइटिंग सिस्टम पूरी तरह बंद है। अगर कभी बड़ी आग लग जाए तो आग पर काबू पाना मुश्किल हो सकता है। इससे मरीजों की जान जोखिम में पड़ सकती है।
दो करोड़ के प्रस्ताव फाइलों में
जानकारी के अनुसार अस्पताल में फायर सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए करीब 2 करोड़ रुपए के प्रस्ताव बनाकर संबंधित विभाग को भेजे गए हैं, लेकिन अभी तक यह प्रस्ताव कागजों में ही घूम रहे हैं, धरातल पर कोई काम शुरू नहीं हो पाया है।मरीज बोले- हम तो बुरी तरह घबरा गए थे
लडख़ड़ाते-घसीटते बाहर निकले
झालावाड़। मेडिकल कालेज से सम्बद्ध एसआरजी अस्पताल में न्यू इमरजेंसी बिल्डिंग के ऊपर बने फेब्रिकेटेड वार्ड में सोमवार सुबह भीषण आग के बाद घंटों तक अफरा तफरी का माहौल रहा। अचानक लगी आग से वार्ड में भर्ती मरीज व उनके परिजन घबरा गए। वार्ड में भर्ती एक मरीज की तिमारदार बंटी कुंवर ने बताया कि मैने भाई से बोला कि देखो वहां से धुंआ आ रहा है। उसने यह बात गार्ड को बताई। थोड़ी ही देर में एसी में से आग निकलने लग गई। सुकेत निवासी मरीज सुरेश ने बताया कि मैं पांच बजे ïफ्रेश होकर आया था। थोड़ी देर बाद ही पता चला कि वार्ड में आग लग गई। सुरेश की पत्नी संतोष ने बताया कि जहां हमारा बेड था, उसी के ऊपर आग लगी थी। हमारे तो सारे आधार कार्ड व अन्य सामान वहीं रह गए।
अकलेरा क्षेत्र के बिलोनिया निवासी तिमारदार घनश्याम मीणा ने बताया कि उसकी मम्मी को भर्ती कर रखा था। सुबह अचानक बोला कि आग लग गई। वहां से भागते हुए नीचे आए, तब जान में जान आई। पाटलिया कुल्मी निवासी भंवरलाल ने बताया कि मेरी पत्नी भर्ती है, उसका ऑपरेशन हुआ था। जैसे ही पता लगा कि वार्ड में आग लग गई, हमने जल्दी से मरीज को बाहर निकाला। इतने में चारों तरफ वहां धुआं ही धुआं हो गया। हमें कुछ भी नजर नहीं आ रहा था। अचानक ही आग लगी।
सुकेत निवासी कांति बाई ने बताया कि मेरी लड़की का ऑपरेशन हुआ था, इसलिए उसे तुरंत नहीं उठा पाए थे। हम सबसे बाद में निकले। एक मरीज तो स्वयं ही पूरा घसीटते हुए बाहर आया। हर कोई आग लगने के बाद घबराया हुआ था। सब जल्दी से बाहर निकलना चाहते थे। इसलिए कुछ देर के लिए तो जबरदस्त अफ रा.तफ रा मच गई। हालांकि अस्पताल के गार्ड व स्टाफ ने भी समय पर सभी को निकालने में पूरी मदद की।