वही भवानीमंडी में तीन साल से लगातार जांच में एड्स का एक भी रोगी नहीं पाया गया है। यहां चिकित्सा विभाग की ओर से कॉउंसलर रखा गया था। जिला स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी डॉ. साजिद खान ने बताया कि एचआईवी जांच के दौरान जो गर्भवती महिलाएं पॉजिटिव पाई जा रही है। उनका समय पर उपचार किया जाता है। इससे इन महिलाओं के बच्चे एचआईवी नेगेटिव मिल रहे हैं। इन महिलाओं का सिजेरिशन ऑपरेशन किया जाता है ताकि बच्चे सुरक्षित रहे। वर्ष 2020 से लेकर अभी तक 28 गर्भवती महिलाओं ने 28 बच्चों को जन्म दिया। नवजात बच्चों की जांच हुई जिनमें सभी एचआईवी नेगेटिव मिले। गर्भवती महिलाओं के पॉजिटिव मिलते ही उनका उपचार शुरू कर दिया था और बच्चों को भी जन्म देने के बाद से तुरंत दवाएं दी जाने लगी। इससे बच्चे इस बीमारी से दूर होते चले गए और रिपोर्ट नेगेटिव आने लगी।
जागरूक हो रहे लोग जिले में 5 साल पहले हर माह जहां आधा दर्जन मरीज सामने आ रहे थे, वहीं अब एड्स के प्रति लोगों में जागरुकताबढऩे से मरीजों की संख्या कम होती जा रही है। जिले में प्रतिवर्ष पॉजिटिव रोगियों की संख्या घट रही है। हालांकि जिले में बीते ग्यारह महीने में दो दर्जन से अधिक एड्स के नए मरीज सामने आए हैं। इनमें 40 फीसदी महिलाएं हैं। एड्स को नियंत्रित करने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं। इनमें प्रतिवर्ष लाखों रुपए खर्च हो रहे हैं। इसके चलते ही लोगों में जागरूकता आ रही है। इस साल जनवरी से नवंबर तक जिले में 34 पीडित सामने आए हैं।
इतनी हुई जांच एसआरजी चिकित्सालय में अभी तक 2 लाख 17 हजार 395 लोगों की जांच हो चुकी है। चिकित्सालय में संचालित एआरटी सेंटर पर कोई भी व्यक्ति नि:शुल्क जांच करवा सकता है।
ये है एड्स के कारण -एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध से। -एचआईवी संक्रमित खून चढ़ाने से। -एचआईवी संक्रमित सुई के उपयोग से पांच साल में इतने मरीज आए सामने-
मरीज वर्ष 2020 81 2021 63 2022 52 2023 48 2024 34 इनका कहना है…. एड्स को लेकर समय-समय पर शिविर लगाए जा रहे हैं। जो बच्चे नेगेटिव आए हैं उनका चिकित्सा विभाग द्वारा समय पर इलाज किया गया। एड्स के रोगियों का नि:शुल्क इलाज किया जाता है। ऐसे रोगियों को पेंशन भी दी जाती है। गर्भवती महिलाओं सहित अन्य मरीजों की भी ऑपरेशन से पूर्व जांच करवाई जाती है। मरीज चिन्हित होने के बाद समय पर दवाई व मार्गदर्शन किया जाता है।
- डॉ. साजिद खान, जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, झालावाड़