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झालावाड़ की आबादी बढ़ रही, बेड़ा घट रहा

-रोडवेज को बंद करने की मंशा सरकार की

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Jhalawar population increases, fleet decreases

झालावाड़ की आबादी बढ़ रही, बेड़ा घट रहा

झालावाड़/ हरिसिंह गुर्जर.जिले की जनसंख्या भले ही लगातार बढ़ रही हो। लेकिन जिले में राजस्थान रोडवेज का बेड़ा लगातार घट रहा है। जिले में हाल ही में रोडवेज बेड़े से ११ बसें ओर कम हो गई है। ऐसे में प्रदेश में भले ही बसें लगातार कम हो रही हो लेकिन वित्त विभाग ने रोडवेज के लिए नई बसें खरीदने के लिए दी जाने वाली बैंक गारंटी देने से भी मना कर दिया है। ऐसे में सूत्रों का कहना है कि सरकार स्वयं ही राजस्थान रोडवेज विभाग को बंद करना चाहती है।
चौंकाने वाली बात यह है कि दो साल से रोडवेज को कोई नई बसे नहीं मिली है। दूसरी ओर इसवर्ष ११बसे कंडम घोषित कर केन्द्रीय वर्कशाप अजमेर भेजी जा रही है। यह बसे करीब १२ लाख किलोमीटर चल चुकी है।
26 हजार पर एक बस-
जिले की जनसंख्या करीब १६ लाख है। लेकिन रोडवेज बेड़ा लगातार घट रहा है। ऐसे में ६१ रोडवेज की बसों में से ११ बसे और कम हो गई है। इसके चलते बकानी, सोराला, भवानीमंडी, अकलेरा रटलाई, भालता, खानपुर जैसे इलाकों में बसों की खासी परेशानी चल रही है। बावजूद इसके मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र में बसों की कमी बनी हुई है। जिले की जनसंख्या के अनुपात में जिले में करीब १५० बसें होनी चाहिए। जबकि जिले में स्थिति इसके उलट चल रही है। ऐसे में दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों में यात्रियों की आवाजाही के लिए रोडवेज संचालन की मांग ग्रामीण करते रहे हैं। वर्तमान में जिले के कई गांव सीधे रोडवेज सेवा से नहीं जुड़े हुए होने से लोगों को निजी वाहनों में मुहं मांगा किराया चुकाना पड़ रहा है। वहीं अभी विवाह का सीजन होने से गर्मी में लोगों को ओर ज्यादा परेशानी आ रही है।


नहीं मिल रहा बजट-
सूत्रों ने बताया कि सरकार से रोडवेज विभाग को बजट नहीं मिल रहा है। वहीं रोडवेज की बैलेंस शीटों में लगातार घाटा दिखाया जा रहा है। इससे नई बसों की खरीद के लिए वित्त विभाग द्वारा बैंकों को दी जाने वाली बैंक गारंटी देने से भी सरकार ने मना कर दिया है। ऐसे में जानकारों का कहना है कि सरकार की मंशा रोडवेज बेड़े को ही बंद करने की है। एक तरफ तो सरकार कई जन कल्याण की योजनाएं चला रही है। वहीं दूसरी ओर सरकार जनकल्याण व आमजन को लाभ पहुंचाने वाली राजस्थान रोडवेज से हाथ खींच लिए है। अगर रोडवेज बंद होती है तो आमजन को भारी परेशानी होगी।


लोकपरिवहन को बढ़ावा दे रही सरकारी-
वहीं जानकारों का कहना है कि पूरे प्रदेश में करीब १२ हजार बिना स्टेट परमीट के निजी व लोक परिवहन की बसे दौड़ रही है। वहीं अनुबंधित बसों को कम से कम ४२५ किलोमीटर का चार्ज प्रतिदिन ११ किलोमीटर के हिसाब से भुगतान करना पड़ रहा है।

यह बसे की कंडम घोषित-
जिले के रोडवेज बड़े से आरजे १७ पीओ २७१, २७२, २६४, २६५, २५६, २६७, २७७,३३४,३५२,१८३८,९७८० नंबर की बसे कंडम घोषित कर दी गई है। इन बसों को इसी माह में अजमेर भेजा जाएगा। वहीं कंडम बसों के कांच व अन्य आवश्यक काम के पार्ट्स खोलकर दूसरी बसों में लगाकर जुगाड़ से काम निकाल रहे हैं। ऐसे में कर्मचारी भी परेशान हो रहे हैं।


यह कहनाहै जिम्मेदारों का-
झालावाड़ रोडवेज डिपो की ११बसे १२ लाख से अधिक चल चुकी थी। वह कंडम घोषित हो चुकी है। इन्हें अजमेर कार्यशाला भेजा जाएगा। अभी तो कोई नई बस नहीं आ रही है,कमी तो हैं।
अनिल पारीक, चीफ मैनेजर राजस्थान रोडवेज, डिपो,झालावाड़।