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कालीसिंध थर्मल तीसरी अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल इकाई की प्रक्रिया शुरू,24 को होगी बैठक

- पर्यावरण संबंधी सुझाव मांगे जाएंगे

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एक्सक्लूसिव  

हरिसिंह गुर्जर

- भेल पूर्व में कर चुका है सर्वे

- 6100 करोड़ का होगा बजट

.कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट की प्रस्तावित 800 मेगावाट की तीसरी अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल इकाई के शुरु होने की उम्मीद जगी है। इकाई की स्थापना को लेकर 24 सितंबर को पर्यावरण समिति की बैठक होगी, जिसमें कई तरह के सुझाव व आपत्तियां मांगी गई है। गौरतलब है कि इस तीसरी यूनिट की घोषणा पूर्व कांग्रेस सरकार न की थी। तीसरी यूनिट लगने के बाद झालावाड़ जिला ऊर्जा हब के रुप में उभर कर आएगा। यहां प्रदेश के अन्य जिलों को भी बिजली मिल सकेगी।

प्रदेश का पहला प्लांट होगा
सूत्रों ने बताया कि कालीसिंध थर्मल प्रदेश का पहला प्लांट है,जहां 800 मेगावाट अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल इकाई की स्थापना होनी है। अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल टेक्नोलॉजी सबसे अत्याधुनिक तकनीक है, जो वर्तमान में प्रचलित सुपर क्रिटिकल तकनीक की तुलना में 5 प्रतिशत अधिक बेहतर है। इससे कम कोयले की खपत पर ज्यादा बिजली उत्पादन किया जा सकता है। वर्तमान में चल रही दो इकाई से कम कोयले की जरूरत इस इकाई में होगी। इससे कोयले पर ज्यादा खर्चा भी नहीं आएगा। यह इकाई के लगने के बाद झालावाड़ जिला 2 हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन करने में सक्षम होगा।

तीसरी इकाई के लिए इतना बजट
जानकारों के अनुसार तीसरी इकाई के लिए प्रारंभिक स्तर पर 6 हजार 100 करोड़ का बजट प्रस्तावित है। भेल ने पर्यावरण स्वीकृति के लिए पूरा अध्ययन कर लिया है। पर्यावरण की सैद्धांतिक स्वीकृति भी मिल चुकी है। ऐसे में तीसरी यूनिट के लगने की संभावना अब ज्यादा हो गई है।

जनसुवाई होगी
राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने परियोजना के लिए केंद्रीय वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की अधिसूचना के आधार प जन सुनवाई 24 सितंबर को आयोजित की है। इसमें तीसरी इकाई को लेकर चर्चा होगा। विशेषज्ञों से सुझाव लिए जाएंगे, वहीं आस-पास रहने वाले लोगों से सुझाव व आपत्तियां ली जाएगी। उनका बैठक में निस्तारण किया जाएगा।

इसलिए चुना गया
- करीब 2300 बीघा जमीन थर्मल परिसर में है
-1900 एमसीएफटी पानी उपलब्ध है, अभी तो 1200 ही काम में आ रहा है, शेष पानी बचत में है।
- अभी रेल परिवहन की सुविधा है। कुछ दिनों बाद भोपाल लाइन से जुडऩे के बाद कोटा-बीना-गुना होकर आने का करीब 100 किमी का चक्कर कम हो जाएगा। इससे कोयले के परिवहन का खर्च कम होगा। समय की बचट होगी।
-अभी 10 लाख क्यूबिक मीटर का पानी का तालाब बना हुआ हैए जो तीसरी यूनिट के लिए भी पर्याप्त है। 11 केवी का एक पंप और लगाना है जिससे आसानी से पानी थर्मल में आ जाएगा।
-यहां अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल इकाई की स्थापना होने से करीब 1200 लोगों को रोजगार मिल सकेगा।

24 सितंबर को बैठक-
" कालीसिंध थर्मल की तीसरी यूनिट की स्थापना को लेकर पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने सूचना निकाल दी है। पर्यावरण स्वीकृति के लिए सुझाव व आपत्ति मांगे जाएंगे। इसके लिए 24 सितंबर को बैठक आयोजित की जाएगी। जिसमें आस-पास के लोगों से फैडबेक लिया जाएगा। अन्य कार्यों के लिए जयपुर स्तर से सारा काम हो रहा है।
वीरेन्द्र कुमार, चीफ इंजीनियर, कालीसिध थर्मल, झालावाड़