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न लोग अभय, न बदमाशों पर कमांड

  -मंगलपुरा व अन्य जगह हो चुकी है कई वारदातें - शहर में लगने थे सीसीटीवी कैमरे  

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Neither the people fear, nor the command over the miscreants

न लोग अभय, न बदमाशों पर कमांड

झालावाड़.शहर में होने वाली सभी घटनाओं व वारदातों पर निगरानी रखने के लिए अभय कमांड के तहत झालावाड़ व झालरापाटन शहरों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने थे। लेकिन 4 साल बाद भी आधे-अधूरे ही कैमरे लगाए जाने से योजना का मकसद पूरा नहीं हो पा रहा है। शहर में आए दिन चाकूबाजी,चोरी,नकबजनी व रंगदारी की घटनाएं हो रही है। कार्य की धीमी गति के चलते शहर के लोगों को इनका लाभ नहीं मिल पा रहा है। इन सीसीटीवी कैमरों को लगाने का मकसद यह था कि दोनों शहरों में घटित होने वाली कोई भी वारदात, मनचलों द्वारा लड़कियों को परेशान करने, स्मैकचियों व चोरों तथा संग्दिध अपराधियों की हर गतिविधि पर अभय कमांड सेंटर से ही सीधे नजर रखी जा सके। लेकिन तीन वर्ष गुजरने के बाद भी अभी तक योजना को पूरी तरह से अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है। योजना के तहत जिला मुख्यालय व झालरापाटन दोनों शहरों में करीब 138 स्थानों का चयन किया गया था। जहां बाजारों व गलियों, सार्वजनिक स्थानों व कोचिंग वाले इलाकों में यह कैमरे लगाए जाने थे।

इतने लगाने थे कैमरे-
सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए 58 लोकेशन झालावाड़ में तथा 35 झालरापाटन में देखी गई है। इन पर 138 पोल पर दोनों शहरों में 345 कैमरे लगाए जाने थे,लेकिन योजना की धीमी चाल व बजट के अभाव में कुछ ही पोल पर जिसमें मिनी सचिवालय के सामने, सिटी फोर लेन,कॉलेज के पास, बस स्टैंड आदि स्थानों पर ही कैमरे लगाए गए है।

नहीं मिल रहा फायदा-
सीसीटीवी मॉनिटिरंग के लिए मिनी सचिवालय में कंट्रोल रूम बनाया गया है। यहां कम्प्यूटर पर पुलिस के जवान सभी कैमरे की मॉनिटरिंग करते हुए स्क्रीन पर नजर रखनी थी। यह 24 घंटे चालू रहेंगे। कहीं भी कोई दुर्घटना होती है या आगजनी या अन्य घटना होने पर तुरंत पुलिस को घटना स्थल पर पहुंचना है। लेकिन प्रोपर तरीके से सभी कैमरे शुरू नहीं होने से शहर के लोगों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

नाम का एकीकृत कमांड सेंटर-
जिले में एकीकृत कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की स्थापना विभागीय स्तर पर जयपुर से की गई है। सेंटर के लिए जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय द्वारा पुलिस उपअधीक्षक को तथा जिला कलक्टर कार्यालय द्वारा अतिरिक्त जिला कलक्टर को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया था। लेकिन अधिकारी भी योजना में रूचि नहीं दिखा रहे हैं। इसके चलते अभी तक पूरे शहर में कैमरे नहीं लग पाए है।

ठंडे बस्ते में काम-
योजना में पर्याप्त बजट नहीं मिलने से कैमरे लगाने का काम धीमी गति से चल रहा है। जबकि झालावाड़ व झालरापाटन शहरों के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए संबंधित कंपनी व नगर परिषद व नगर पालिका के कर्मचारियों के साथ मिलकर पूर्व में ही सर्वे का काम पूरा कर लिया गया है,इसके साथ ही पोल के लिए बीएसएनएल, आरएसईबी, पीडब्ल्यूडी, सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग एवं नगर परिषद के कर्मचारियों द्वारा पोल लगाने के लिए स्थानों का चयन कर लिया है। लेकिन बजट के अभाव में योजना ठंडे बस्ते में चल रही है।

शहर में हो चुकी है वारदातें-
-शहर में एसबीआई बैंक में रायपुर क्षेत्र के एक बुजुर्ग किसान के 80 हजार रूपए चोरी हुए जिनका अभी तक पता नहीं चल पाया है।
- झालरापाटन में पंजाब नेशनल बैंक से एक किसान के दो लाख रूपए चोरी हुए है। लेकिन आज तक भी इनका कोई सुराग नहीं लगा है।
- कोतवाली के पास एक परिवार के घर से करीब 30 लाख रुपए के गहने व नकदी चोरी हुए थे, जिसका आज तक खुलासा नहीं हो पाया ।
-मंगलपुरा में मोबाइल की दुकान में बड़ी संख्या में मोबाइल की चोरी हुई थी,लेकिन पुलिस के हाथ अभी खाली है।

- कोचिंग संस्थानों के सामने मनचले लड़कों का ग्रुप बैठा रहता है। लेकिन कैमरे के अभाव में कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है।

नहीं मिलते फुटेज-
दोनों शहरों में आए दिन चाकूबाजी,चोरी, चेन स्नेचिंग आदि की घटनाएं, रंगदारी, सूने मकानों में चोरी होती है। लेकिन सीसीटीवी कैमरे नहीं होने से कोई भी घटना घटित होने के बाद पुलिस को घटना से संबंधित कोई फुटेज नहीं मिल पाते हैं। इससे घटना की गुत्थी सुलझाने में बहुत परेशानी होती है। लेकिन योजना की सुस्त चाल के चलते कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। वहीं शहर में तेज रफ्तार में बाइकर्स पर भी लगाम नहीं लग पा रही है।

फैक्ट फाइल-
- 105 पोल पर 25 कनेक्शन किए है, जिसमें 23 कैमरे लाइव है।

व्यापारियों ने ऐसे बताई अपनी पीड़ा-
खाली पड़े हुए है कैमरे-
शहर में अभय कमांड के तहत मिनी सचिवालय आदि के सामने ही कैमरे लगाए गए है। शेष जगह पोल ही लगे लेकिन कैमरे नहीं लग पाए है। इससे आए दिन होने वाली घटनाओं में पुलिस आरोपी तक समय से नहीं पहुंच पाती है। अभी कुछ दिन पहले ही मंगलपुरा में एक दुकानदार के साथ बड़ी वारदात हुई है।

कुशल राज हिंगड, अध्यक्ष वस्त्र व्यापार संघ,झालावाड़

शहर के बड़ा बाजार,चौथमाता मंदिर आदि में पहले चेन स्नेचिंग की घटनाएं हो चुकी है। ऐसे में अच्छी क्वालिटी के कैमरे लगे तो शहर के लोगों के साथ होने वाली घटनाओं पर रोक लग सके।
भूपेन्द्र अग्रवाल, व्यापारी, बड़ा बाजार, झालावाड़।

अभी झालावाड़ शहर में ही कैमरे लगे हैं, झालरापाटन में काम शुरु नहीं हुआ है। जैसे -जैसे हमारे पास निर्देश आते हैं टेस्टिंग आदि करवाते है। अभी 64 कैमरे काम कर रहे हैं। इसके टेंडर आदि जयपुर से होते हैं।

अंकूर शर्मा, उप निदेशक, सूचना प्राद्यौगिकी एवं संचार, झालावाड़।