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अतिक्रमण पर कई बार नोटिस, लेकिन कार्रवाई शून्य

झालावाड़. जिला मुख्यालय पर बीज निगम के पास सब्जी मंडी की स्थिति बेहद ही खराब है। अधिकारियों की अनदेखी से दिनों-दिन मंडी में अव्यवस्थाएं पसर रही है। यहां चारों तरफ गदंगी का आलम है। किसानों को न तो कोई मूलभूत सुविधाएं मुहैया हो पा रही है। न ही साफ पानी। कई लोगों ने मर्जी से […]

झालावाड़Feb 13, 2025 / 12:36 pm

harisingh gurjar

झालावाड़. जिला मुख्यालय पर बीज निगम के पास सब्जी मंडी की स्थिति बेहद ही खराब है। अधिकारियों की अनदेखी से दिनों-दिन मंडी में अव्यवस्थाएं पसर रही है। यहां चारों तरफ गदंगी का आलम है। किसानों को न तो कोई मूलभूत सुविधाएं मुहैया हो पा रही है। न ही साफ पानी। कई लोगों ने मर्जी से नियम विरूद्ध शेड के नीचे अतिक्रमण कर पक्के निर्माण कर लिए है। तो कई लोगों ने आवंटित प्लाट पर बनी दुकानों पर तय नक्शे के अलावा ऊपर निर्माण कर लिए है। जबकि उसकी राशि अभी तक कृषि उपज मंडी में जमा नहीं करवाई है।

नोटिस थमाने का काम कर रही समिति-

कृषि उपजमंडी समिति झालरापाटन के अधीन आने वाली गौण मंडी (सब्जीमंडी झालावाड़) के आधा दर्जन लोगों को 27 जनवरी को नोटिस थमाया गया था। जिसमें बताया कि ऑपन ऑक्शन प्लेट फार्म पर अस्थाई एवं अवैध अतिक्रमण को हटाने की बात कही थी। ये पहला ही नोटिस नहीं है, इससे पूर्व भी कई नोटिस दिए जा चुके हैं, लेकिन अभी तक एक भी अतिक्रमण नहीं हटाया जा सका है।

पांच दिन का समय दिया था-

भारतीय किसान संघ के 10 दिसंबर 2024 के पत्र के बाद मंडी समिति के अधिकारियों ने सब्जी मंडी का निरीक्षण किया था। जिसमें कई खामिया सामने आई थी। इस पर गौण मंडी यार्ड किसानों के लिए निर्धारित एवं चिन्हित ऑक्शन प्लेट फार्म पर कुछ लोगों द्वारा अवैध अतिक्रमण करना पाया गया है। एवं आवंटित दुकानों के बाहर भी अस्थाई टिनशेड लगा रखे हैं। जिससे किसानों की कृषि जिंसों के लिए प्लेटफार्म पर जगह उपलब्ध नहीं होती है। मजबूरन किसानों को शेड के सामने आम रास्ते पर ही अपनी कृषि जिंस बैचनी पड़ रही है। इससे नियमित रूप से यातायात व्यवस्था आए दिन बाधित होती है। इससे सब्जी विक्रेता व के्रताओं के बीच झगड़े भी होते है।

हटाना था, हुआ कुछ नहीं-

मंडी समिति द्वारा पांच दिन में अतिक्रमण हटाने का नोटिस दिया गया था, नहीं हटाने पर प्रशासन के सहयोग से पांच दिन बाद ऑक्शन प्लेटफार्म से अवैध अतिक्रमण हटाने की बात कही थी। जिसमें होने वाले नुकसान की समस्त जिम्मेदारी अतिक्रमण करने वालों की होगी। बावजूद मंडी समिति के आदेशों का उल्लंघन करने के बाद भी इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है।

दुकानों के ऊपर नहीं बना सकते-

मंडी समिति की ओर से आढ़तियों को तय नियम के अनुसार दुकानों का आवंटन किया गया है। लेकिन ज्यादातर लोगों ने दुकानों के ऊपर स्थाई रूप से पक्के निर्माण कर लिए, जिनकी अनुमति भी नहीं ली गई है, ऐसे में मंडी को लाखों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है।

वसूली पर ध्यान सुविधाएं कुछ नहीं-

मंडी समिति को सब्जी मंडी से हर माह लाखों रुपए का राजस्व प्राप्त हो रहा है। इसके बाद भी मंडी में आने वाले किसान व व्यापारियों व आड़तियों को कोई सुविधा नहीं दी जा रही है। यहां पीने के लिए शुद्ध पानी व शौचालय व टॉयलेट की सुविधा नहीं होने से सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को आती है।इतना ही नहीं मंडी में चारों तरफ गंदगी पसरी हुई है

इतने लोग आते हैं-

मंडी में प्रतिदिन एक हजार से अधिक लोग सब्जी बैचने व खरीदने के लिए आते हैं। जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी होती है। मंडी में रतलाम,खाचरोद, सोयत, झालरापाटन, अकलेरा आदि जगह से लोग सब्जी बेचने व खरीदने के लिए आते हैं। लेकिन उन्हे भी सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। 25 साल से यहां मंडी लग रही है, फिर भी उसे अभी तक विकसित नहीं किया जा सका है।

जल्द हटाएंगे अतिक्रमण-

जिन लोगों ने अतिक्रमण कर रखे हैं, उन्हे नोटिस दे दिए है। जिला कलक्टर के मार्गदर्शन में जल्द अतिक्रमण हटाए जाएंगे। शौचालय के प्रस्ताव बनाकर भेजेंगे। अगर परिसर में गदंगी हो रही है तो ओर आदमी लगाकर सफाई करवाएंगे।

गोविन्द सिंह, सचिव कृषि उपजमंडी, झालरापाटन।

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