
रेल मंत्रालय के किराया कम करने के आदेश के बाद भी रतलाम मंडल ने इस पर अमल नहीं किया है। इससे लोगों को एक तरफ के किराये की दोहरी मार पड़ रही है। रेलवे की गलती का खामियाजा आमजन को उठाना पड़ रहा है और सुनने को तैयार नहीं है। किराया कम करने के आदेश कोटा मंडल में 10 मार्च से ही जारी हो गए थे लेकिन करीब डेढ़ माह होने को आए लेकिन रतलाम मंडल में अभी तक किराया कम नही किया गया है। केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनाव के पूर्व आम लोगो को राहत प्रदान करते हुए सामान्य श्रेणी की ट्रेनों में किराया आधा कर दिया लेकिन रतलाम मंडल ने इन आदेशों की पालना नहीं की है। चौमहला रेलवे स्टेशन से पैसेंजर ट्रेन से रतलाम जाने की टिकट 25 रुपए की है। वही रतलाम से चौमहला की टिकट के 50 रुपए लिए जा रहे है। कोटा व रतलाम रेल मंडलों के आपसी सामंजस्य नहीं होने यात्रियों को अधिक किराया देना पड़ रहा है।
रेल प्रशासन द्वारा सामान्य श्रेणी की पैसेंजर ट्रेनों के रेल यात्रियों को राहत प्रदान करते हुए मेमू ट्रेन, पार्सल, कोटा-रतलाम लोकल ट्रेन में किराया कम कर दिया गया था। इसके आदेश आने के बाद 9 मार्च से चौमहला सहित कोटा मंडल के सभी स्टेशनो पर किराया कम कर दिया गया। लेकिन रतलाम मंडल द्वारा अभी तक इन ट्रेनों में किराया कम नही किया गया। यात्रियों से वही पुराना किराया वसूला जा रहा है।
चौमहला से एक यात्री कोटा-बड़ौदा पार्सल ट्रेन से रतलाम गया उसने जाने की टिकिट ली तो उससे 25 रुपये लिए गए। यात्री के रतलाम से चौमहला लौटने की टिकिट के 50 रुपये लिए गए। वही एक अन्य यात्री सोमवार को कोटा-नागदा मेमू से नागदा गया उससे टिकिट के 20 रुपये लिए गए जबकि वापसी में पार्सल ट्रेन का टिकिट 40 रुपये में दिया गया। ऐसी स्थिति में रेल यात्री परेशान हो रहे है और उन्हें आने व जाने का अलग अलग किराया चुकाना पड़ रहा है।
-मैंने चौमहला से रतलाम का टिकट लिया तो 25 रुपए लिए गए जबकि रतलाम से चौमहला लौटने की टिकट के 50 रुपए लिए गए। इस अंतर के बारे में बुकिंग क्लर्क से बात की तो उसने कोई संतुष्टि पूर्ण जवाब नहीं दिया।
देवीलाल राठौर, चौमहला
-चौमहला से नागदा मेमू ट्रेन के टिकट के 20 रुपए लिए हैं। वहीं नागदा से चौमहला के 40 रुपए लिए जा रहे हैं। इस मामले में पूछताछ करते हैं तो कोई जवाब देने को तैयार नहीं।
अनिल वर्मा, निवासी चौमहला
रेल मंत्रालय संज्ञान ले
रेलवे की साधारण श्रेणी के दो स्टेशन के बीच अप एवं डाउन दिशाओं के किराए में भारी अंतर देखने को मिल रहा है। यह आम जनता के समझ से परे हैं। ऐसा क्यों हो रहा है इसको रेलवे के उच्चाधिकारियों को देखना चाहिए। अभी शादी ब्याह का सीजन चल रहा है, लोगों की आवाजाही ज्यादा हो रही, रतलाम वैसे भी खरीदारी का एक बड़ा केंद्र है। ऐसे में रेलवे की गलती का खामियाजा रेल यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है। इस पर रेल मंत्रालय को शीघ्र संज्ञान लेते हुए रेल यात्रियों को राहत प्रदान करनी चाहिए।
Updated on:
24 Apr 2024 12:02 pm
Published on:
24 Apr 2024 11:57 am
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